नेशनल डेस्क, तोपचंद : Notice to Rahul Gandhi to vacate the government bungalow : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोकसभा से अयोग्य घोषित (Disqualification) होने के बाद अब लोकसभा आवास समिति ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकार द्वारा आवंटित बंगला खाली करने का नोटिस दिया है।
बता दें कि साल 2014 से राहुल गाँधी 12 तुगलक लेन वाले बंगले में रह रहे हैं, जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के अमेठी से अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता था। 2019 में, गांधी अमेठी सीट हार गए थे, लेकिन केरल के वायनाड से लोकसभा के सदस्य चुनकर संसद पहुंचे, लेकिन उनकी लोकसभा सदस्यता अब छीन ली गई है।
कब तक खाली करना होगा बंगला
जारी किये गए नोटिस के तहत राहुल गांधी को अगले 26 दिन में घर खाली करना होगा। नोटिस के मुताबिक राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक बंगला खाली करना होगा.
कांग्रेस नेता ने कहा था कि उनके पास कभी कोई घर नहीं है और उन्होंने 1977 में अपने सरकारी आवास को छोड़ने के परिवार के अनुभव को याद किया था।
उन्होंने कहा, “घर में एक अजीब सा माहौल था। मैं मम्मी के पास गया और उनसे पूछा कि क्या हुआ। मां ने मुझसे कहा कि हम घर छोड़ रहे हैं। उस समय तक मुझे लगता था कि ये हमारा घर है। तब मेरी मां ने पहली बार मुझसे कहा था कि ये हमारा घर नहीं, सरकार का घर है और हमें अब इसे छोड़ना होगा।”
Rahul Gandhi membership of MP is also canceled, there is a hindrance in contesting further elections
राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी से पूछा कि वे आगे कहां जाएंगे। उन्होंने आगे बताया, “मेरी मां ने कहा नहीं मालूम। मैं सुनकर दंग रह गया। मुझे लगता था कि ये हमारा घर है… 52 साल हो गए और मेरे पास अब भी घर नहीं है। हमारा खानदानी घर इलाहाबाद में है और वो भी हमारा नहीं है। मैं 12, तुगलक लेन में रहता हूं, लेकिन वो मेरा घर नहीं है।
इस बयान ने छीन लिया घर
दरअसल साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी भाषण दे रहे थे. इस भाषण में राहुल ने कथित तौर पर ये कहा था, ‘इन सभी चोरों का उपनाम (सरनेम) मोदी क्यों है?’
24 मार्च को गई थी सांसदी
इससे पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बीते शुक्रवार यानी 24 मार्च को रद्द कर दी गई। लोकसभा सचिवालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई। राहुल को गुरुवार को सूरत की अदालत ने मोदी उपनाम से जुड़े मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ‘मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।’
स्टे न मिलने पर 8 साल नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
अगर राहुल गांधी की सजा का फैसला ऊपरी अदालतें भी बरकरार रखती हैं, तो वे अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. 2 साल की सजा पूरी करने के बाद वह छह साल के लिए अयोग्य रहेंगे. राहुल गांधी अब सूरत कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं. कांग्रेस ने एक्शन की वैधानिकता पर भी सवाल उठाया है कि राष्ट्रपति ही चुनाव आयोग के साथ विमर्श कर किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं.
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