ये हैं धर्मसभा के मुख्य संकल्प: संत बोले – छत्तीसगढ़ के लोगों के ह्रदय में राम हैं, 21 परिवारों ने की घर वापसी

रायपुर, तोपचंद : Dharma Sabha held in the raipur: पिछले एक माह से संतों की चल रही पदयात्रा का रविवार को संकल्प धर्मसभा के साथ समापन हुआ । इसी कड़ी में रायपुर के रावणभांटा मैदान में आज धर्मसभा आयोजित की गई. धर्मसभा में धर्मांतरण का मुद्दा जोरों से उठाया आया. इस आयोजित कार्यक्रम में लगभग 300 संत रायपुर पहुंचे हुए है।

कौन कौन हुए शामिल ?

विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित इस धर्म सभा में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जोकि जूना अखाड़ा हरिद्वार के प्रमुख हैं। इनके अलावा जितेंद्रनंद सरस्वती जो महामंत्री हैं काशी अखिल भारतीय संत समिति के। शदाणी दरबार के संत युधिष्ठिर लाल। साध्वी प्राची, बालयोगेश्वर उमेश नाथ, पुष्पेंद्र पुरी, राजीव लोचन दास जी, स्वामी परमानंद, स्वामी प्रेम स्वरूपानंद, महामंडलेश्वर स्वामी सर्वेश्वर दास, राधेश्याम दास, आचार्य राकेश, रामानंद सरस्वती, सीतारामदास, श्याम दास रामस्वरूप, लक्ष्य राम, साध्वी संतोषी भारती जैसे संत इस धर्म सभा में शामिल हुए।

21 परिवारों ने की घर वापसी

रायपुर में आयोजित धर्मसभा के दौरान ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके 21 परिवारों ने घर वापसी की. साधु-संतों ने घर वापसी करने वाले परिवारों का भगवा गमछा पहनाकर और श्रीफल भेंट कर स्वागत किया.

हमारे नेता राम हैं – राजीव लोचन महाराज

इसके पहले धर्म सभा के दौरान निर्मोही अखाड़ा के संत राजीव लोचन महाराज ने पत्रकारों से रू-ब-रू हुए. इस दौरान छत्तीसगढ़ में हिन्दू राष्ट्र की बात किए जाने के सवाल पर संत ने कहा कि हम साधु हैं. किसी राजनेता के नेता को नहीं जानते, हमारे नेता राम हैं. छत्तीसगढ़ के लोगों के ह्रदय में राम हैं. राम को जन्म देने वाली माता कौशल्या छत्तीसगढ़ में पैदा हुई. हिन्दू राष्ट्र यहां से निकलकर पूरे भारत में फैलेगा.

एक हजार गांवों में जगाई अलख, दो लाख हनुमान चालीसा, लाकेट का वितरण

छत्तीसगढ़ के चार पवित्र स्थलों मां दंतेश्वरी संत यात्रा दंतेवाड़ा, मां बम्लेश्वरी यात्रा पानाबरस मोहला मानपुर, मां चंद्रहासिनी यात्रा सोधड़ा आश्रम और मां महामाया यात्रा रामानुजगंज बलरामपुर से 18 फरवरी को हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा निकाली गई थी। 34 जिलों में लगभग एक हजार गांवों तक 4500 किलोमीटर की दूरी तय करके राजधानी पहुंच चुकी हैं। 19 मार्च को विशाल धर्मसभा में धर्म की अलख जगाएंगे।

पदयात्रा में अनेक उपेक्षित परिवारों के बीच भोजन करके संतों ने ऊंचनीच का भेदभाव खत्म करने का संदेश दिया। साथ ही दो लाख हनुमान चालीसा, दो लाख हनुमान लाकेट और एक लाख रामचरित मानस, भगवत गीता को प्रसाद के रूप में वितरित किया। यात्रा में सभी मत पंथ के अनुयायियों ने भाग लिया। श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा का पाठ करने, मेरा गांव मतांतरण मुक्त गांव बनाने का संकल्प लिया।

400 से ज्यादा गांवों में चर्च बनाए गए

आपको बता दें कि धर्म सभा से पहले शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के नेताओं और संतों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। इसमें धर्मांतरण को लेकर संतों ने तीखे सवाल किए। विश्व हिंदू परिषद के इस यात्रा के संयोजक चंद्रशेखर वर्मा ने बस्तर में धर्मांतरण बढ़ने का दावा करते हुए कहा कि बस्तर में तेजी से बढ़ रहे नक्सलवाद की समस्या के पीछे चर्च है। चर्च और उससे जुड़े हुए लोगों ही वहां के मुख्य षड्यंत्रकारी हैं ।

उन्हीं की वजह से ये समस्या बनी हुई है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बस्तर के 400 से ज्यादा गांवों में चर्च बनाए गए हैं । पिछले 10 सालों में यहां एक भी चर्च नहीं था और न ही कोई इसाई व्यक्ति । दावा किया जाता है कि वहां कोई धर्मांतरण नहीं हुआ, तो फिर ईसाई कहां से आ गए। चर्च कहां से आ गए। यह विचारणीय है।

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