@बिट्टु शर्मा
तोपचंद, जांजगीर-चांपा। रंग पंचमी के दिन छत्तीसगढ़ के उज्जैन के नाम से विख्यात जांजगीर क्षेत्र के पीथमपुर गांव में बाबा कलेश्वर नाथ की बारात धूम धाम से निकली। अलग अलग अखाड़ों के नागा साधू भी शामिल हुए। हजारों की संख्या में लोग दूर-दूर से पहुंचे और बाबा की बारात में थिरकते रहे.
जांजगीर के पीथमपुर स्थित बाबा कलेश्वर नाथ पर लोगों की अगाध आस्था है. लोग बाबा कालेश्वर नाथ को कलेश हरने वाला मानते है. यही वजह है की रंग पंचमी के दिन बाब कलेश्वर नाथ के बारात में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग पहुचते है.
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बारात के दौरान चाँदी से बनी विशाल पालकी में बाबा कलेश्वर नाथ को लेकर नगर भ्रमण कराया जाता है जिसके बाद हसदेव नदी के तट पर प्रतिमा को स्नान करा महाआरती की जाती है. महाआरती के बाद बाबा कलेश्वर नाथ की मूर्ति को वापस मंदिर में स्थापित किया जाता है.
क्या है मान्यता…
लोगों का मानना है कि रंग पंचमी के दिन कालेश्वर बाबा के दर्शन करने से कई लाभ होते हैं. इसमें सबसे बड़ा लाभ निसंतान महिलाओं को होता है. और यदि किसी को पेट की पुरानी समस्या है वह भी दूर हो जाती है. यही कारण है कि लोग यहां बड़ी संख्या में शामिल होते हैं. बारात निकालने के साथ ही रंग पंचमी के दिन से यहां 15 दिन के मेले की शुरुआत होती है.
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