What is the difference between Covid-19 and H3N2? : देश के कई राज्यों में H3N2 इन्फ्लूएंजा (H3N2 Influenza) वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. H3N2 के साथ अब कोरोना के मामलों में भी उछाल आ रहा है. भारत में 1 जनवरी से 21 मार्च तक H3N2 के 1,317 मामले दर्ज किए गए.
H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस का सब टाइप है। इस वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं, जिसके प्रमुख लक्षण खांसी, जुकाम, बदन दर्द आदि है। डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरस इतना खतरनाक है कि एक बार घर में किसी को हो गया, तो पूरे परिवार को संक्रमित कर सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि फ्लू तो साल 1989 से ही देखा जा रहा है। मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा ए, बी, सी और डी हैं।
इसके कई सब-ग्रुप हैं, जिसमें एच1एन1 है। H3N2 पहली बार 1968 में हॉन्गकॉन्ग में फैला था और भारी तबाही मचाई थी। इस वायरस की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि यह तेजी से रूप बदलता है। 15 से 20 दिन के अंतराल पर भी स्ट्रेन में चेंज हो जाता है। इसलिए हर साल इन्फ्लूएंजा वायरस की वैक्सीन में बदलाव किया जाता है।
H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण
किसी भी बीमारी को समझने और उसका इलाज करने के लिए सबसे जरूरी यह होता है कि उसके लक्षणों को समझा जाए. ताकि सबसे पहले बीमारी की पहचान यानी निदान ठीक से हो सके. इसके लक्षण मौसमी फ्लू की तरह ही होते हैं, जो कभी-कभी अचानक सामने आते हैं. तो चलिए जानते हैं H3N2 के लक्षण क्या होते हैं.
-खांसी
-नाक बहना या बंद नाक
-गला खराब होना
-सिर दर्द
-शारीरिक दर्द
-बुखार
-ठंड लगना
-थकान
-दस्त
-उल्टी करना
कोविड-19 और H3N2 में कैसे अंतर करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोविड-19 और H3N2 इन्फ्लूएंजा चूंकि दोनों ऊपरी श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं, ऐसे में लक्षण भी एक जैसे होते हैं।
इनमें अंतर करने का सबसे आसान तरीका टेस्ट कराना है। कोविड और एच3एन2 के बीच सबसे प्रमुख अंतर यह है कि कोरोना का यह वैरिएंट अधिक संक्रामक है और वायरस की प्रकृति के कारण एक से दूसरे में बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन H3N2 पहले के H1A1 वायरस की तरह मौसमी रूप से फैलता है, आमतौर पर मौसम के परिवर्तन के दौरान।
अगर आपको बताए गए लक्षणों में से कुछ समस्याएं बनी हुई हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश-
-लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए.
-ज्यादा उम्र के लोगों के लिए खासतौर पर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरुरत है
-स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में ड्यूटीरत डॉक्टर्स, पैरामेडिक्स और अन्य कार्यों के साथ-साथ मरीज और उनके परिजन मास्क जरूर पहनें.
-भीड़भाड़ और बंद जगहों पर मास्क पहनें.
-छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रुमाल या टिश्यू का इस्तेमाल करें
-हाथों की स्वच्छता बनाए रखें. हाथों को बार-बार धोते रहें.
-सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचें.
किन लोगों को है H3N2 का ज्यादा खतरा
H3N2 का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. लोग बीमार पड़ रहे हैं, इसलिए आपको यह जानना जरूरी है कि क्या आप इसके खतरे में हैं या नहीं?
- 5 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग
- गर्भवती महिलाएं
- अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो आपको खतरा है
- अस्थमा, डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को
- न्यूरोलॉजिकल या न्यूरोडेवलपमेंटल कंडीशन के साथ रह रहे मरीजों को
- Chhattisgarh की सभी ख़बरों से रहे टनाटन
- Crime की दुनिया की हर छोटी से छोटी खबर की पड़ताल
- जाने आपके जिले का हाल एक क्लिक में
- Politics और Inside Stories से जुडी हर खबर मिलेगी यहां
- Lifestyle की ख़बरें जो आपके जीवन में आएगी काम, सिर्फ आपसे एक क्लिक दूर
- Entertainment की गलियों में क्या है नई गॉसिप फिल्मों से लेकर TV की दुनिया का हाल
- कहा है नौकरी और कहा कर सकते है अप्लाई, ये है जॉब की दुनिया का ओने स्टॉप शॉप
- Topchand.com के विधानसभा 2023 चुनाव के सर्वे से जुडने के लिए यहां क्लिक करें