तोपचंद, रायपुर। विधानसभा बजट सत्र के दौरान आज सदन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आमने सामने आ गए। सवाल और जवाब को लेकर दोनों एक-दूसरे पर तीखे तेवर में दिखाई दिए।
दरअसल डॉ. रमन सिंह ने गारे पेलमा कोल ब्लॉक का मुद्दा उठाया। उन्होंने कोल ट्रांसपोर्टेशन के रेट और टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाते ट्रांसपोर्टेशन के लिए दोगुने दर पर टेंडर देने की बात कही।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब में कहा कि, किलोमीटर के हिसाब से एसईसीएल खदान के भीतर ट्रांसपोर्टेशन के लिए रेट निर्धारित है। जब पिछली सरकार में टेंडर किया गया और नियम बनाया गया उसी समय ये कह दिया जाता कि गाइडलाइन के हिसाब से परिवहन होगा, लेकिन साल 2017 में तो आपने ऐसा किया नहीं। जब आप मुख्यमंत्री थे तब आपने जो नियम बनाया वही है। अलग-अलग खदानों के लिए अलग-अलग रेट आता है।
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क्या सवाल, क्या जवाब?
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, एसईसीएल ने नोटिफिकेशन जारी किया है इसे लेकर। कोल ट्रांसपोर्टिंग के लिए एसईसीएल मापदंड तय करता है। जब गाइडलाइन तय कर चुका है, फिर छत्तीसगढ़ का उपक्रम क्यों रेट तय करेगा। प्रति मैट्रिक टन 210 रुपए से ज्यादा की अतिरिक्त वसूली हुई है। करोड़ों की गड़बड़ी ट्रांसपोर्टिंग का रेट बढ़ाकर किया गया है। क्या टेंडर को निरस्त किया जाएगा?
इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, ये केमिकल लोचा है। 211 रुपए के रेट में परिवहन होता ही नहीं है। सारे शर्ते और नियम आपने बनाया। एसईसीएल कब से चल रहा है और उसके नियम भी पहले से बने हुए है। अलग-अलग जगह का अलग-रेट है। दूरी के हिसाब से किलोमीटर तय होता है। आपने नियम बनाया रहता तो टेंडर क्यों निकलता।
मुख्यमंत्री ने कहा- केमिकल लोचा है…
डॉ. रमन सिंह ने आगे कहा कि, इस मामले की जांच क्यों नहीं? 232 रुपए के रेट में तैयार हो जाएंगे लोग, जबकि 466 रुपए के रेट में यहां टेंडर दिया गया। सीएम बघेल ने कहा- हमने टेंडर के जरिए रेट तय किया है। टेंडर में 8 कंपनियां शामिल हुई। 4 लोग टेंडर भरे थे, जिसमें 2 पात्र पाए गए और 2 अपात्र पाए गए। ऑनलाइन टेंडर जारी किया। देशभर के पत्र-पत्रिकाओं में टेंडर का प्रकाशन हुआ, फिर कहां गड़बड़ी हो गई? इनके मन में गड़बड़ी है तभी मैं कह रहा हूं केमिकल लोचा है। सारा काम पारदर्शी तरीके से हुआ है।
इसके बाद डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश को चुनौती देते हुए कहा कि, मैं आपके चुनौती देता हूं कि 2012 के दर और अभी के दर पर खुली चर्चा करा लीजिए। सीएम भूपेश ने कहा, पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है, किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है। इसके बाद सदन में जोरदार हंगामा। हंगामे के बाद भाजपा ने वॉकआउट कर दिया।
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