रायपुर, तोपचंद : Chhattisgarh Vidhansabha : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ. प्रश्नकाल में ग्रामीणी यांत्रिकी विभाग(RES department) में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया. मोहन मरकाम के सवाल के जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने राज्य स्तरीय कमेटी के साथ मामले की जांच कराने का आदेश दिया. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने डीएमएफ की राशि में बंदरबांट का मुद्दा उठाया. जिसके बाद मंत्री ने ये भी कहा जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.
क्या आरोप लगाया गया ?
प्रश्नकाल में मरकाम ने कोंडागांव में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) में तीन साल के काम के संबंध में सवाल किया. उन्होंने
- 60 करोड़ की राशि के बंदरबांट का आरोप लगाया
- कहा कि एक ही कार्यपालन यंत्री के पास आरईएस और पीएमजीएसवाय की जिम्मेदारी है. कैसे मिला सप्लाई का काम. मरकाम ने पूछा कि आरईएस निर्माण एजेंसी है, फिर सप्लाई का काम कैसे दिया गया? मंत्री चौबे ने बताया कि दो निर्माण एजेंसी नहीं हो सकती, इसलिए आरईएस को ही नोडल एजेंसी बनाकर निर्माण और सप्लाई दोनों की जिम्मेदारी दी गई है. मरकाम ने बंदरबांट का आरोप लगाया और सदन की समिति से जांच कराने की मांग की.
इस मामले में मोहन मरकाम ने करोड़ों के घालमेल का आरोप लगाया. मोहन मरकाम ने आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति को सारी जिम्मेदारी क्यों दी जा रही है. मोहन मरकाम ने कहा कि एक अधिकारी को कितना प्रभार दिया गया है.
क्या था मंत्री का जवाब ?
मंत्री चौबे ने कहा कि मामला गंभीर है. जो कार्य हुए हैं, उसकी जानकारी दे दी गई है. मंत्री ने बताया कि अरूण कुमार शर्मा ईई हैं और उनके पास आरईएस और पीएमजीएसवाय का प्रभार है. मंत्री ने बताया कि वे राज्य स्तर के अधिकारी से जांच कराएंगे.
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