तोपचंद, रायपुर। 21 lakh liters water wasted in Kanker: कांकेर जिले में प्रशासन के एक महोदय जो एक खाद्य निरीक्षक है उन्होंने महंगे फोन को ढुंढने के लिए बिना अनुमति के डेम से 21 लाख लीटर पानी को खाली कर दिया। मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास को निलंबित कर दिया है। इस मामले पर सियासी बवाल मचना शुरू हो गया है।
डॉ. रमन सिंह और भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी समेत कई नेता इस मामले को लेकर सरकार को घेरने में लगी हुई है तो वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी तगड़ा पलटवार किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने कहा-
दाऊ भूपेश बघेल की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं। आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है। वहीं अधिकारी अपने मोबाईल के लिए लगभग 21 लाख लीटर पानी बहा रहे हैं इतने में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी।
रमन के बयान पर CM भूपेश का पलटवार
अब डॉ. रमन सिंह के इस बयान पर मुख्यमंत्री ने रिट्वीट करते हुए पलटवार किया है। सीएम भूपेश ने ट्वीट कर लिखा, 2 बातें हैं डॉक्टर साहबः
- पहली ये कि अपने पद का दुरुपयोग करने का हक ‘नवा छत्तीसगढ़’ में किसी को नहीं है, जिस अधिकारी ने यह कृत्य किया है उसे निलंबित किया जा चुका है. वो दौर बीत गया जब लोग सत्ता में बैठकर फर्जी राशन कार्ड बनाते थे और अपने बेटे का ‘पनामा’ में खाता खुलवाते थे।
- दूसरी बात ये है कि आज हमने मितान योजना में राशन कार्ड को जोड़ा है, अब 14545 पर फोन करके मितान को घर बुलाएँ और घर बैठे ही राशन कार्ड बनवाएँ। यह बहुत अच्छी शुरुआत है, इसको आप आगे 3 लोगों को बताएँ और उनसे कहें कि वो भी आगे 3 लोगों को बताएँ। जय छत्तीसगढ़।
ओपी चौधरी ने अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की
मोबाइल गिरने पर डैम का पानी खाली कराने के इस मामले को लेकर भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि, संवेदनहीनता की सारी सीमाओं को पार किया गया है। संवेदनहीनता की पराकाष्ठा कांग्रेस सरकार में चल रहा है। ऐसे अधिकारियों को नौकरी से तुरंत बर्खास्त किया जाए।
दरअसल, महोदय जी ने डीजल मोटर के माध्यम से 4 दिन तक डेम से पानी को खाली करने का काम किया। अब 4 दिन तक फोन पानी में रहने के कारण खराब भी हो गया होगा।
क्या था मामला
रविवार को पखांजूर निवासी और वतर्मान में पखांजूर में ही खाद्य निरीक्षक पद में पदस्थ राजेश विश्वास अपने दोस्तों के साथ परलकोट बांध में पार्टी मनाने गए थे। इसी दौरान सेल्फी लेते वक्त परलकोट जलाश्य के स्कैलवाय के पास डेढ़ लाख के आसपास का मंहगा मोबाइल फोन सैमसंग एस24 अल्ट्रा पानी में गिर गया। जिसके बाद वे सोमवार की सुबह ही परलकोट जलाश्य पहुंच गए। गांव में रहने वाले गोताखोरों को बुला पहले पानी में फोन खोजने का अभियान शुरू हुआ।
डेढ़ हज़ार एकड़ खेतों की हो सकती थी सिंचाई
पखांजूर परलकोट जलाशय में गिरा अफसर का मोबाइल निकालने 21 लाख लीटर से ज्यादा पानी बहा दिया गया। बांध का पानी खाली कराने के लिए 30 एचपी के पंप लगा दिए। यह पंप तीन दिनों तक चौबीसों घंटे चलते रहे, अनुमान लगाया गया है कि बहाए गए पानी से करीब डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी। बात फैली तब सिंचाई अफसर के कान खड़े हुए और मौके पर जाकर पंप को बंद करवाया। हालांकि तब तक गुरुवार को साहब का फोन तो मिल गया।
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