
तोपचंद, रायपुर। आज ही के दिन यानी कि 25 मई 2013 को बस्तर संभाग के झीरम मंे नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं और जवानों के काफिले पर हमला किया था। आज इस घटना को 10 साल पूरे हो गए है। इस घटना की जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। कांग्रेस लगातार आरोप लगा रही है कि, जांच एजेंसी इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर रही और जांच करने भी नहीं दे रही। वहीं भाजपा पर भी जांच को रोकने और प्रभावित करने का आरोप लगा रही है।
CM ने कौशिक पर निशाना साधा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक पर बड़ा हमला बोला है। मुख्यमंत्री भूपेश ने झीरम घाटी जांच मामले पर कहा कि, राज्य सरकार ने जो आयोग गठित किया था उसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को ना देते हुए राज्यपाल को सौंपा गया. कभी ऐसा हुआ है? लेकिन आयोग की रिपोर्ट सरकार को न देकर, चीफ सेक्रेटरी को ना देकर सीधा राजभवन में दिया जाता है।
इसके बाद हमने 2 सदस्य आयोग का गठन किया. आयोग के गठन करने के बाद उसको स्टे धरमलाल कौशिक लेता है. उसकी वकालत करते हैं जो भाजपा का सांसद है, तो जांच में क्यों रुकावट डाल रहे हैं. यह वही धरमलाल कौशिक जी हैं जो नाल घोटाले में भी पीआईएल लेकर स्टे ले बैठे हैं. नान घोटाले की जांच करने एसआईटी गठन किया तो उसमें रमन सिंह जी के खासम खास धरमलाल कौशिक जी दोनों बार स्टे लेने पहुंचते हैं. तो सवाल इस बात का है कि किसको बचाना चाहते हैं? किस तथ्य को छुपाना चाहते हैं?
CM भूपेश ने आगे कहा, एक तरफ f.i.r. होता है, हम लोग एसआईटी गठन करते हैं तब एनआईए जाकर स्टे लेती हैं. जीतू मुदलियार f.i.r. करते हैं दूसरी बार तब भी एनआईए जाकर स्टे ले लेती हैं और जब आयोग की गठन करते हैं तो धरमलाल कौशिक जी स्टे लेते हैं. जो सवाल मैंने उठाए हैं उसका जवाब भारतीय जनता पार्टी दे. गणपति और रमन्ना का नाम f.i.r. से अलग कैसे हुआ?