मध्यप्रदेश डेस्क, तोपचंद : SC on Bhopal Gas Tragedy : सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को 7400 करोड़ के अतिरिक्त मुआवजे की मांग वाली केंद्र की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया. इस याचिका में गैस पीड़ितों को यूनियन कार्बाइड से करीब 7800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग की गई थी.
SC on Bhopal Gas Tragedy : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र की क्यूरेटिव याचिका को खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा कि डाऊ कैमिकल्स के साथ समझौता फिर से नहीं खुलेगा.
बता दें कि भोपाल शहर के बाहरी इलाके में स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के कीटनाशक संयंत्र से 1984 में दो-तीन दिसंबर की दरम्यानी रात मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव होने से 15,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. जहरीले रिसाव से पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित भी हुए.
समझौत के दो दशक बाद याचिका का कोई औचित्य नहीं
SC on Bhopal Gas Tragedy : जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि समझौते के दो दशक बाद भी केंद्र द्वारा इस मुद्दे को उठाने का कोई औचित्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए आरबीआई के पास पड़ी 50 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल सरकार लंबित दावों को पूरा करने के लिए किया जाएगा.
पीठ ने कहा,
“हम दो दशक के बाद इस मुद्दे को उठाने के लिए कोई तर्क प्रस्तुत नहीं करने के लिए केंद्र से असंतुष्ट हैं … हमारा विचार है कि उपचारात्मक याचिकाओं पर विचार नहीं किया जा सकता है.”
गौरतलब है कि यूसीसी ने 2 और 3 दिसंबर, 1984 की मध्यरात्रि को यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव के बाद 1989 में ₹470 मिलियन अमेरिकी डॉलर का मुआवजा दिया था, जिसमें 3,000 से अधिक लोग मारे गए और 1.02 लाख अधिक लो प्रभावित हुए थे।
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