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तोपचंद, रायपुर: वित्त मंत्री ओपी चौधरी के विभागों से संबंधित अनुदान मांगे आज विधानसभा में चर्चा के बाद सर्मसम्मति से पारित कर दी गई।
इसमें वित्त विभाग के अंतर्गत 7 हजार 956 करोड़ 87 लाख 39 हजार रूपए, आवास एवं पर्यावरण विभाग से संबंधित 1 हजार 174 करोड़ 3 लाख 90 हजार रूपए तथा योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से संबंधित 428 करोड़ 71 लाख 44 हजार रूपए की अनुदान मांगे शामिल हैं। अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विधानसभा सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्र की मांगे रखीं और अपने सुझाव भी दिए।
एक नजर में देखें अनुदान मांगों की बड़ी बातें…
- शासकीय धन के आय-व्यय की दैनिक निगरानी के लिए शुरू होगी एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली(IFMIS 2.0)
- अर्थव्यवस्था को बढ़ाने रणनीति का मूल आधार होगा तकनीकी रिफॉर्म और इनोवेशन
- दुर्ग संभाग में नवीन संभागीय वित्त एवं लेखा प्रशिक्षण संस्थान की होगी स्थापना
- राज्य की अर्थव्यवस्था की नीतियों के निर्धारण के लिए छत्तीसगढ़ एडवायजरी काउंसिल का होगा गठन
- टेक्नोलाजिकटल इंटरवेंशन के लिए 266 करोड़ का बजटीय प्रावधान
- जीएसटी में बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट की मदद से बढ़ेगा राज्य का राजस्व
- वित्त विभाग से अंतर्गत 7 हजार 956 करोड़ 87 लाख 39 हजार रूपए की अनुदान मांग पारित
- आवास एवं पर्यावरण विभाग से संबंधित 1 हजार 174 करोड़ 3 लाख 90 हजार की अनुदान मांग पारित
- योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से संबंधित 428 करोड़ 71 लाख 44 हजार की अनुदान मांग पारित
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस रणनीति के तहत भारत की अर्थव्यवस्था के लिए काम कर रहे हैं, वैसा ही प्रयास नवोदित राज्य छत्तीसगढ़ के लिए भी किया जा रहा है और ये बड़े सौभाग्य की बात है कि हम वर्ष 2047 तक भारत के साथ ही छत्तीसगढ़ को भी विकसित करेंगे। छत्तीसगढ़ 2047 तक कैसे विकासशील राज्य से विकसित राज्य बनेगा इसका विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जाएगा जिसे छत्तीसगढ़ में राज्य स्थापना के दिन 1 नवंबर 2024 को जनता को समर्पित किया जाएगा जिसना नाम “अमृतकालः छत्तीसगढ़ विज @2047” होगा।
ओपी चौधरी ने कहा कि मिडटर्म टारगेट के दौर पर मोदी की गारंटी में भारत की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान से छलांग लगाकर 10 साल के भीतर 5वें स्थान पर पहुंची है और इसी मिडटर्म टारगेट के तौर पर हमने अगले पांच साल में छत्तीसगढ़ की जीएसडीपी को 5 लाख करोड़ से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रूपए करने का लक्ष्य रखा है।
मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि राज्य में हम तकनीक के प्रयोग को अत्यधिक महत्व देंगे और इसी वजह से टेक्नोलाजिकटल इंटरवेंशन के लिए 266 करोड़ रूपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जहां भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है हम उसे महत्व दे रहे हैं और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की जो हमारी रणनीति है उसका मूल आधार तकनीकी रिफॉर्म और इनोवेशन ही है।हम प्रदूषण के मानकों को भी बेहतर करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल में आगे बढ़ रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि राज्य के अर्थव्यवस्था के नीतियों के निर्धारण के लिए छत्तीसगढ़ एडवायडरी काउंसिल के गठन का भी निर्णय लिया गया है। ओपी चौधरी ने कहा कि राज्य में गहरे अध्ययन के बाद हम जीएसटी में बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिसका प्रभाव अगले एक वर्ष में दिख जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सब के आधार पर हम लोगों ने निर्णय लिया कि हम अपने राजस्व को 22 फीसदी की दर से बढ़ाएंगे और हम ईमानदारी से अपना प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि दुर्ग संभाग में शासकीय सेवकों को वित्त एवं लेखा प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नवीन संभागीय वित्त एवं लेखा प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी। इसके लिए नवीन 18 पदों का सृजन तथा भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही संभागीय वित्त एवं लेखा प्रशिक्षण संस्थान , रायपुर के नवीन भवन निर्माण के लिए भी 1 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
ओपी चौधरी ने कहा कि हम निश्चित रूप से सभी मंत्रालयों के बीच एक बढ़िया सामंजस्य स्थापित करेंगे और मंत्रियों से चर्चा करेंगे ताकि अवैध कॉलोनियों को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि विकास की गति न रुके और पूंजीगत व्यय भी होता रहे, सड़कें पुल भी बनते रहें उसके लिए भी हमारी सरकार प्रतिबद्ध है और इतने सारे बड़े वित्तीय दावों के बीच में हम आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा कि शासकीय सेवकों के पेंशन एवं सेवानिवृत्ति लाभ के भुगतान हेतु 7 हजार 729 करोड़ 14 लाख रूपए का प्रावधान बजट में शामिल है। इससे राज्य के लगभग 1 लाख 31 हजार पेंशनरों को नियमित रूप से पेंशन, परिवार पेंशन, सारांशीकरण की राशि, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण का भुगतान किया जायेगा। इसमें पेंशन निधि के लिए 340 करोड़ का प्रावधान भी शामिल है।
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