तोपचंद, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी में गड़बड़ी को लेकर लगाई गई याचिका पर हाई कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है। सीजीपीएससी में बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी बनाने को लेकर पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक ननकीराम कंवर ने याचिका लगाई है। आज हाई कोर्ट खुलते ही चीफ जस्टिस रमेश सिनहा ने इसे पहला केस लिया।
खबर है कि, कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हालांकि, कोर्ट ने किसी तरह का फिलहाल स्टे देने की बजाए यथास्थिति रखने कहा है, जैसा कि हाई कोर्ट के गलियारों में चर्चा है। ये भी पता चला है कि आज दोपहर लंच के बाद फिर से इस मामले पर सुनवाई होगी।
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ननकीराम कंवर ने अपनी याचिका में राजभवन के सचिव अमृत खलको के बेटा और बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई रिश्तेदारों के भी सलेक्शन पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा है कि पीएससी में जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों ने न सिर्फ रेवड़ियों की तरह नौकरियां नहीं बांटी बल्कि इसकी आड़ में करोड़ों का भ्रष्टचार किया गया है।
भाजपा ने लगाया है आरोप
बता दें कि, CGPSC 2021 के जो नतीजे आए उनमें टॉप 20 में जो नाम थे, उन्हें लेकर भाजपा ने दावा किया है कि, ये सभी बड़े अफसर, कांग्रेस नेता और कारोबारियों के बच्चे हैं। बीजेपी ने इनके सिलेक्शन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। जिसके बाद यह मामला बिलासपुर हाई कोर्ट पंहुचा। इस मामले को लेकर BJP ने रायपुर में प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन भी किया था.
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