क्या आप जानते है ? सिर्फ भारत ही नहीं ये 5 देश भी हुए थे 15 अगस्त के दिन आजाद

Do you know ? : भारत 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था. देश की आजादी के लिए कई वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगाई थी. तब जाकर कहीं भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में सामने आया है. यही वजह है कि 15 अगस्त भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. आजादी के जश्न को मनाने के लिए हर साल यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हैं और ध्वजारोहण करते हैं. मागर क्या आप जानते है सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया में ऐसे 5 देश है जो 15 अगस्त के दिन ही आज़ाद हुए थे. चलिए आपको उसके बारे में बताते है.

उत्तर कोरिया (North Korea – 15 August 1945)

15 अगस्त 1945 को अमेरिकी और सोवियत सेनाओं ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप को जापान से मुक्त कराया था. जापान के शासक की दूसरे विश्व युद्ध में हार के बाद कोरिया प्रायद्वीप पूरी तरह से आजाद हो गया. लेकिन यह लंबे समय तक इकट्ठा नहीं रह सका. आजादी के तीन साल बाद ही कोरिया प्रायद्वीप दो हिस्सों में बंट गया. इसके उत्तरी हिस्से को उत्तर कोरिया गया गया और यहां आज भी तानाशाही चल रही है.

दक्षिण कोरिया (South Korea – 15 August 1945)

जापान की गुलामी से 15 अगस्त 1945 को आजाद हुए कोरिया प्रायद्वीप तीन साल बाद ही 9 सितंबर 1948 को दो हिस्सों में बंट गया. इसके दक्षिणी हिस्से का नाम दक्षिण कोरिया रखा गया और यहां लोकतंत्र की स्थापना हुई. आज यह देश लोकतंत्र की मिसाल है और दुनिया की चुनिंदा अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. दक्षिण कोरिया के कई ब्रांड आज दुनियाभर में छाए हुए हैं.

बहरीन (Bahrain – 15 August 1971)

बहरीन को 15 अगस्त 1971 को ब्रिटेन की गुलामी से आजादी मिली ती. हालांकि, बहरीन15 अगस्त को अपने नेशनल डे के रूप में नहीं मनाता, बल्कि हर साल 16-17 दिसंबर को बहरीन का नेशनल डे मनाया जाता है. बहरीन अपना नेशनल डे 16-17 दिसंबर को मनाता है, क्योंकि यही वह तारीख है, जब यहां का पूर्व शासक इसा बिन सलमान अल खलीफा गद्दी पर बैठा था. राजा ने बहरीन में कई तरह के रिफॉर्म्स की शुरुआत की थी, इसलिए बहरीन के लोग इन दिन को नेशनल डे के रूप में मनाते हैं.

कांगो (Congo – 15 August 1960)

19वीं सदी में कांगो रिवर व्यापार का एक प्रमुख मार्ग थी. सन 1880 में फ्रांस ने कांगो इस पर एक ट्रिटी के तहत कब्जा कर लिया. इससे बाद 1891 में फ्रांस ने पूरी तरह से कांगो पर कब्जा कर लिया. समय के साथ आजादी के लिए कांगो के लोगों ने आंदोलन भी किए और फ्रांस की तरफ से रियायतेंभी दी गईं. आखिरकार 15 अगस्त 1960 को कांगो, फ्रांस की गुलामी से पूरी तरह से आजाद हो गया.

लिकटेंस्टाइन (Liechtenstein – 15 August 1940)

5 अगस्त 1940 को यह तय हुआ कि लिकटेंस्टाइन का नेशनल डे 15 अगस्त को मनाया जाएगा.इस दिन का चुनाव करने का कोई खास कारण नहीं था. दो वजहों से इस दिन को चुना गया. एक तो यह था कि इस दिन मैरी के असेम्पसन के कारण पहले से ही बैंक हॉलीडे होता है. दूसरा कारण यह था कि 16 अगस्त को उस समय तत्कालीन राजकुमार प्रिसं फ्रांज जोसेफ -II का जन्मदिन था. 1989 में प्रिंस फ्रांज जोसेफ II के निधन के बाद भी इसी दिन को नेशनल डे के रूप में रखा गया.

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