पटवारियों ने जलाई एस्मा आदेश की कॉपी: हड़ताल अब भी जारी, आदेश को बताया तुगलकी फरमान

तोपचंद, रायपुर: Patwaris burn copy of ESMA order in CG: एस्मा लगने के बाद भी छत्तीसगढ़ में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे पटवारियों का प्रदर्शन जारी है. पटवारियों ने आज ESMA आदेश की कॉपी जलाकर विरोध जताया. इसके साथ ही राज्य सरकार के द्वारा ESMA लगाए जाने को तुगलकी फरमान बताया. पटवारियों ने धरना स्थल पर कॉपी जलाकर कहा कि बातचीत का रास्ता खुला है सरकार पहल करें।

राज्य सरकार ने लगाया पटवारियों के हड़ताल पर एस्मा

Patwaris burn copy of ESMA order in CG: आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पटवारियों के धरने पर नाराजगी जताई थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। छत्तीसगढ़ गृह विभाग ने आदेश जारी करते हुए पटवारियों के हड़ताल पर एस्मा एक्ट लगा दिया है। जिसके बाद यह छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्राधिकार से प्रकाशित कर दिया गया है।

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दरअसल, 15 मई से पटवारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. आम जनता के राजस्व संबंधी कार्यों के निपटारे में काफी कठिनाई आ रही थी। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा 1 तथा 2 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राजस्व विभाग के पटवारियों के लिए यह आदेश जारी किया है। यह आदेश 7 जून से प्रभावीशील किया गया है और आगामी 3 महीने के लिए प्रभावशील रहेगा।

क्या है एस्मा?

बता दें कि, आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्‍मा) हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है। एस्‍मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्‍य दूसरे माध्‍यम से सूचित किया जाता है। एस्‍मा अधिकतम छह महीने के लिए लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध‍ और दण्‍डनीय है।

सरकारें एस्मा लगाने का फैसला इसलिये करती हैं क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों के लिये आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका होती है। जबकि एस्मा वह कानून है, जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिये लागू किया जाता है। इसके तहत जिस सेवा पर एस्मा लगाया जाता है, उससे संबंधित कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते, अन्यथा हड़तालियों को छह माह तक की कैद या ढाई सौ रु. दंड अथवा दोनों हो सकते हैं।

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क्या है पटवारियों की मांग

  • वेतन में बढ़ोत्तरी की मांग
  • वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति
  • कार्यालय, संसाधन और भत्ते दिए जाए
  • स्टेशनरी का भत्ता
  • अतिरिक्त प्रभार मिलने पर भत्ता
  • पटवारी भर्ती के लिए योग्यता स्नातक करने की मांग
  • मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त की जाए
  • बिना विभागीय जांच के पटवारियों पर एफआईआर दर्ज ना की जाए

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