धर्म डेस्क, तोपचंद। Vinayak Chaturthi 2023: सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है. विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है. किसी भी पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा अर्चना से की जाती है, इसलिए गणेश भगवान को प्रथम पूज्य भी माना जाता है. कोई भी धार्मिक या मांगलिक कार्य हो, सर्वप्रथम गणपति भगवान की पूजा की जाती है.
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, बिना गणपति पूजन के कोई भी कार्य पूर्ण नहीं माना जाता है.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल विनायक चतुर्थी का व्रत 23 मई को रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखने से सभी संकट समाप्त होते हैं. रात चंद्रमा को अर्ध्य देने की भी मान्यता है.
बन रहा ख़ास संयोग, मिलेगी दोष से मुक्ति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार विनायक चतुर्थी के दिन बड़ा मंगल भी पड़ रहा है. इस दिन महाबली हनुमान जी की पूजा की जाती है. ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु या मंगल दोष है. इन ऐसे लोगों के लिए विनायक चतुर्थी का दिन बेहद खास है. इस दिन भगवान गणेश और हनुमान जी के आशीर्वाद से ये सभी दोष दूर हो जाएंगे, क्योंकि गणपति बप्पा के पूजा से राहु-केतु के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है. वहीं, बजरंग बली की अराधना से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है.
शुभ मुहूर्त
इस साल विनायक चतुर्थी 22 तारीख की रात 11 बजकर 55 मिनट मे शुरू हो रही है, जो कि 24 तारीख को सुबह 10 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार विनायक चतुर्थी का व्रत 23 मई को रखा जाएगा. इस दिन अर्ध्य देने के लिए रात 10 बजकर 49 मिनट से रात 11 बजकर 33 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Topchand .com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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