
तोपचंद, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के मैनपुर में पुलिस ने सहकर्मियों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर धोखाधड़ी से 3 करोड़ से अधिक रुपए गबन करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में धोखाधड़ी का खेल 6 साल पहले से शुरू हुआ र लगातार 4 साल तक चला. इस मामले के आरोपी तत्कालीन कालेश्वर नेगी समेत उनके 3 सहयोगी आरोपियों को आज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक, मैनपुर थाने में 18 मई 2024 को 6 साल पहले हुए 3.13 करोड़ के धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। मामले में पुलिस फरार आरोपियों की पतासाजी में जुटी हुई थी। इसी दौरान साइबर सेल के मदद से प्रकरण के चार आरोपी तत्कालीन बीएमओ के अलावा विनोद कुमार ध्रुव, (उम्र 38 वर्ष) निवासी ग्राम खड़मा, संतोष कोमर्रा, (उम्र 46 वर्ष) निवासी मैनपुर-2, गुरूवेन्द्र साव, (उम्र 46) निवासी- महासमुंद वार्ड नं. 29 रमनटोला को विधिवत गिरफ्तार किया कर जेल भेज दिया गया है। वहीं इस मामले में अब तक कुल 10 में से 7 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पुलिस ने बताया कि 18 मई 2024 में मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी मैनपुर गजेन्द्र सिंह ध्रुव ने पुलिस में लिखित आवेदन दिया था। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर के अंतर्गत करोड़ो का राशि गबन करने वाले कुल- 11 लोगों के पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया था। पुलिस ने ट्रेजरी से करोड़ों रुपए गबन करना सही पाया, जिसके बाद मामले में 11 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कर फरार आरोपियों की तलाश के लिए एसआईटी टीम गठित की गई।
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