बलौदा बाजार हिंसा पर देवेंद्र का बड़ा बयान – सीएम की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान, दशकों पुराने दस्तावेजों का जल जाना सरकार की साजिश

तोपचंद, कांकेर। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हिंसक घटना के बाद प्रदेश की शियासत गरमा गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष इस मामले को लेकर एक-दूसरे पर हमला बोल रहे है। बलौदाबाजार में आगजनी और हिंसा की घटना के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार की कार्यशैली के विरोध में छ्त्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर जिलास्तरीय एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया।

इस प्रदर्शन में शामिल होने भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव प्रभार क्षेत्र कांकेर पहुंचे। जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है। विधायक देवेंद्र ने कहा कि बलौदा बाजार हिंसा आगजनी मामले में प्रदेशभर में आंदोलन हो रहे हैं। आज प्रभार क्षेत्र कांकेर पहुंच आयोजित धरना प्रदर्शन में सम्मिलित हुआ, बलौदा बाजार में हुई आगजनी और हिंसा की घटना शर्मनाक और भयावह है। यह भाजपा सरकार की निष्क्रियता और लचर प्रदर्शन का उदाहरण है।

सीएम कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान

देवेंद्र यादव ने कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है। सीएम कुर्सी की खींचतान चल रही है। कुर्सी बीच में रखी हुई है तीन-चार लोग हैं जो खींच रहे है। अभी एक मंत्री को देश की पॉलिटिक्स में भेज कर हटाया गया। कुर्सियों की इतनी खींचातानी चल रही है की आप कुसरी लेकर करोगे क्या? जब जनता आपके साथ नहीं रहेगी। इसलिए जनता का भला करो।

सीएम और गृह मंत्री इस्तीफा दें

देवेंद्र यादव ने कहा कि विष्णु सरकार के हाथ से कानून व्यवस्था निकल चुकी है। इनके आते ही प्रदेश में हत्याएं, मॉब लीचिंग, बच्चियों से बलात्कार, आगजनी जैसी घटनाएं अपने चरम पर हैं। बलौदाबाजार में हुए आगजनी की घटना में ये मौन हैं। जहां लोगों का बचाव करना था वहां कलेक्टर एसपी भाग खड़े हुए। दोषियों पर कार्रवाई होनी थी तो मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। पीड़ितों को न्याय दिलाना दूर की बात, निर्दोष लोगों पर कार्यवाई कर रहे हैं। भाजपा समर्थक अपराधियों को बचाने मामले में लीपापोती की जा रही है। इनसे प्रदेश की कानून व्यवस्था नहीं सम्हल रही, यदि नैतिकता होती तो मुख्यमंत्री-गृहमंत्री को तत्काल पद से इस्तीफा देते।

दशकों पुराने दस्तावेज जलकर ख़ाक

देवेंद्र यादव ने कहा कि कलेक्ट्रेट में दशकों से जो दस्तावेज थे। बल्कि वे लोगों के जमीन के और कुछ के जो पेपर थे वो जलकर खाक हो गए। इससे मुझे षडयंत्र लगता है भाजपा का कि क्यों उन्होंने इस तरह से आगजनी होने दी। जो दस्तावेज आम जनता के थे। वो जलकर खाक हो गए। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। केवल कलेक्टर और एसपी को सस्पेंड करने से वाहन के स्थानीय लोगों की हानि हुई है इससे क्या पूर्ति हो पायेगा।  

क्या था मामला

दरअसल, 15 मई की देर रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान कुछ उपद्रवियों ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया। इसके बाद धरना प्रदर्शन ने व्यापक रूप ले लिया।  

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