तोपचंद, रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद लगातार नगर निगम और जनपद व जिला पंचायतों में अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। जिसके बाद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष अपनी कुर्सी बचाने के लिए जद्दोजहद में लग जाते है। इस बीच आरंग से बड़ी खरब सामने आई है। अविश्वास प्रस्ताव के बाद आरंग जनपद पंचायत के अध्यक्ष खिलेश देवांगन (Khilesh Devangan) अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए है। 24 सदस्यों में से उन्हें केवल 1 ही मत हासिल हुआ।
बता दें कि, खिलेश देवांगन कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष थे। बीजेपी और कांग्रेस समर्थित सदस्यों ने जनपद अध्यक्ष खिलेश देवांगन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जो पारित हो गया है। सभी 24 सदस्यों ने अपने मतों का प्रयोग किया है जिसमें खिलेश देवांगन के पक्ष में 1 मत खुद का हासिल हुआ और विपक्ष मे 23 मत पड़े।
जनपद पंचायत अध्यक्ष आरंग खिलेश देवांगन (Khilesh Devangan) के विरुद्ध 19 जनपद सदस्यों के साथ अविश्वास प्रस्ताव के लिए रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार को आवेदन दिया था। जिस पर 17 जनवरी याने आज मतदान हुआ। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने के लिए अनुविभागीय अधिकारी पुष्पेंद्र शर्मा ने आज 24 सदस्यों के मध्यम प्रत्यक्ष मतदान कराया। जिसमें अध्यक्ष खिलेश देवांगन के पपक्ष में खुद का 1 वोट और विपक्ष में 23 वोट पड़े। इस तरह खिलेश देवांगन के अध्यक्ष की कुर्सी चली गई।
कांग्रेस समर्थित 17 सदस्य फिर भी गई कुर्सी
यहां पर बताना लाजमी होगा कि जनपद पंचायत आरंग में कांग्रेस के 17 जनपद सदस्य है और वे पूर्ण बहुमत में है फिर भी अपने ही पार्टी के अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होना यह बताता है कि कांग्रेसी समर्थित सदस्यों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था, जो कि सरकार बदलते ही नजर आने लगा।
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