सीतापुर, तोपचंद। सरगुजा जिले की तीनों सीटें अंबिकापुर, लुण्ड्रा और सीतापुर में डेढ़ से दो दशक बाद भाजपा को जीत मिली है। कांग्रेसियों को अंदाजा भी नहीं था कि 20 वर्षों की राजनीतिक विरासत को तीन महीने पूर्व नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखने वाला सैनिक(रामकुमार टोप्पो) आसानी से ध्वस्त कर देगा।
अमरजीत भगत ने की थी टिप्पणी
सैनिक रामकुमार जब सेना की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखने आये थे। तब अमरजीत भगत ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि राजनीति करना हम राजनीतिज्ञों का काम सैनिक को राजनीति छोड़कर सीमा पर देश की सेवा करनी चाहिए। लेकिन सैनिक रामकुमार ने क्षेत्र के युवाओं की टीम बनाई। क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की मनमानी, भ्रष्टाचार, गुण्डागर्दी, भू- माफियागिरी को मुद्दा बनाया और सभी का दिल जीत लिया। और चुनाव में 20 साल बाद कांग्रेस को धूल चटाते हुए जीत हासिल की।
जीत के बाद कार्यकर्ताओं से की मुलाकात
सीतापुर से भाजपा प्रत्याशी रामकुमार टोप्पो जीत के बाद मतगणना स्थल पॉलीटेक्निक कॉलेज पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उनकी अनुपस्थिति में भाजपा नेता यहां नजर रखे हुए थे। भाजपा नेता सबसे अधिक उत्साहित सीतापुर सीट को लेकर ही दिख रहे थे। अधिकृत रूप से रिजल्ट की घोषणा से पहले ही भाजपा नेता एक-दूसरे को बधाई देते नजर आए।
मूंछों का सफाया करने वाली बात
अमरजीत भगत को सपने में भी हार की उम्मीद नहीं थी। वे अपनी जीत के लिए पूरी तरह तैयार थे। ऐसे में उन्होंने विधानसभा चुनाव में पराजित होने पर अपनी मूंछ का सफाया कराने की बात कह दी थी। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद अब लोग अमरजीत भगत से पूछ रहे हैं कि वे अपनी मूंछ का सफाया कब कराएंगे। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सोशल मीडिया पर पूरे दिन हार पर मूंछ का सफाया कराने की घोषणा की चर्चा होती रही
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