NCERT की किताबों में बदलेगा देश का नाम, इंडिया नहीं अब होगा भारत, मिली मंजूरी

नेशनल डेस्क, तोपचंद। NCERT की किताबों में अब जल्द ही हर जगह से INDIA शब्द की जगह भारत का इस्तेमाल किया जाएगा. नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) पैनल के सामने इससे संबंधित प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकर कर लिया गया. एनसीईआरटी समिति ने सभी स्कूलों की बुक्स में इंडिया की जगह ‘भारत’ लिखने की सिफारिश की है.

पैनल के सदस्यों में से एक सीआई इस्साक के मुताबिक, नई एनसीईआरटी किताबों के नाम में बदलाव होगा. यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले रखा गया था और अब इसे स्वीकार कर लिया गया है. NCERT पैनल के मंजूरी के बाद ये सारी नई किताबों में भारत नाम लागू होगा. इसाक ने बताया कि एनसीईआरटी समिति ने बुक्स में प्राचीन इतिहास के स्थान पर क्लासिकल हिस्ट्री शुरू करने की सिफारिश की है।

इतिहास के किताबों में बदलाव

एनसीईआरटी समिति ने भी पाठ्यपुस्तकों में “हिंदू जीत” को उजागर करने की सिफारिश की है. इसने पाठ्यपुस्तकों में ‘प्राचीन इतिहास’ के स्थान पर ‘शास्त्रीय इतिहास’ को शामिल करने की भी सिफारिश की है. बता दें कि साल 2020 में नई एजुकेशन पॉलिसी के आने के बाद ये बदलाव किए जा रहे हैं.

अप्रैल महीने में एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं के सिलेबस में बदलाव किए गए थे. किताबों में कई टॉपिक्स हटा दिए गए थे. इन बदलावों का विरोध किया जा रहा है. विज्ञान की बुक्स से कई टॉपिक हटाए गए थे. कई वैज्ञानिकों, विज्ञान शिक्षकों और अन्य शिक्षकों ने सीबीएसई के दसवीं कक्षा के अपडेटेड एनसीईआरटी सिलेबस को लेकर नाराजगी जताई थी.

‘भारत के प्रधानमंत्री’

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब केंद्र को आधिकारिक दस्तावेजों में इंडिया की जगह ‘भारत’ लिखने पर विपक्ष की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया मिल रही है. पहली बार इस तरह से नाम बदलने का काम ASEAN Program के निमंत्रण में किया गया था, जिसमें पीएम मोदी को ‘भारत के प्रधानमंत्री’ लिखा गया था.

हालांकि, इंडिया बनाम भारत विवाद में तेजी तब आई जब राष्ट्रपति भवन ने ‘भारत के राष्ट्रपति’ की ओर से 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए निमंत्रण भेजा. इन सबके बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि ‘भारत’ शब्द का अर्थ संविधान में परिलक्षित होता है.

“इंडिया” बनाम “भारत”

अब एनसीईआरटी की किताबों का एक नया दस्ता जारी किया जाएगा। नई किताबों में बच्चे अब इंडिया नहीं, बल्कि भारत पढ़ेंगें।

बता दें कि ‘भारत’ बनाम ‘इंडिया’ पर चर्चा की शुरुआत तब हुई जब केंद्र ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित जी20 रात्रिभोज के निमंत्रण को “President of India” के बजाय “President of Bharat” के नाम से भेज दिया, जिससे राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।

सितंबर में, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में जी20 लीडर्स शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, तब उनकी नेमप्लेट पर भी ‘भारत’ प्रदर्शित किया गया था।

संविधान के अनुच्छेद 1 (1) में हमारे देश का नाम “इंडिया, अर्थात भारत राज्यों का संघ होगा” परिभाषित किया गया है।

Archi jain

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