तोपचंद, रायपुर। Vikas Singh arrested in korba: छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव विकास सिंह को कोरबा पुलिस ने बिलासपुर से गिरफ्तार किया है। विकास सिंह पर आदिवासी महिला से छेड़छाड़ करने का आरोप है। जमानत खारिज होने के बाद पुलिस ने विकास सिंह को गिरफ्तार किया है। इससे पहले वे जिला बदर भी हो चुके है.
Vikas Singh arrested in korba: बताया जा रहा है कि विकास सिंह के खिलाफ दीपका थाना में दर्ज छेड़छाड़ और एट्रोसिटी के मामले में यह कार्रवाई हुई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2 दिन पहले ही कोर्ट ने विकास सिंह की अग्रिम जमानत खारिज कर दिया था। जिसके बाद आज गुरूवार को कोर्ट में पेश करने के बाद विकास सिंह को जमानत के अभाव में जेल भेज दिया है। विकास सिंह राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का करीबी बताया जाता है।
आपको बता दे कि राजस्व मंत्री के करीबी माने जाने वाले विकास सिंह को हाल ही में प्रदेश कांग्रेस के सचिव पद की जिम्मेदारी दी गयी थी। बताया जा रहा है कि दीपका थाना में विकास सिंह के खिलाफ एक महिला की शिकायत पर पुलिस ने छेड़छाड़ और SC-ST एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया था। वहीं विकास सिंह के खिलाफ 1 दर्जन से अधिक मामले दर्ज है.
पुलिस कर रही थी तलाश
पीड़िता की रिपोर्ट पर अपराध दर्ज कर पुलिस ने इस मामले को विवेचना में लिया था। विचारण पश्चात मामला न्यायालय में पेश किया गया है। इस प्रकरण में कांग्रेस नेता विकास सिंह ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए धारा 438 के तहत आवेदन विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
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लेकिन 5 सितंबर को कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। जमानत ख़ारिज होने के बाद पुलिस की टीम विकास सिंह की तलाश में छापामार कार्रवाई कर रही थी। पुलिस की टीम ने गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला से विकास सिंग को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने विकास सिंह को आज गुरूवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल वारंट कटने के बाद विकास सिंह को जेल भेज दिया गया।
क्या है मामला?
रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरबा के दीपका थाना क्षेत्र निवासी पीड़िता ने अपराध दर्ज करवाते हुए बताया था कि विकास सिंह ने शादी का झांसा देकर उसके साथ अनाचार किया। इसके बाद उसे छोड़ दिया। महिला ने इसकी फिर पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी। बाद में उसकी अन्यत्र जगह शादी हो गई। अदालत में जिस दिन उसकी गवाही पेशी थी। उस दिनांक को विकास सिंह और उसके साथियों ने उसके पति का अपहरण कर लिया और बयान बदलने के लिए मजबूर किया।
दबाव में आकर अदालत में उसने अपना बयान बदल दिया। जिसके बाद विकास सिंह दोषमुक्त हो गया। उल्टे अदालत ने उसे झूठी एफआईआर करवाने पर दो साल की सजा सुना दी। बाद में पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में उपस्थित होकर अपने ऊपर हुए अत्याचारों की लिखित शिकायत वर्ष 2020 में पीड़िता ने सौंपी थी। इस शिकायत का पता चलते ही विकास सिंह फिर से पीड़िता को धमकाने लगा था और उसके घर पर आपत्तिजनक फोटोज फेंक कर शिकायत वापस न लेने पर बदनाम करने की धमकी दी थी। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने दीपका थाने में अपराध दर्ज किया था।
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