ED पर विनोद वर्मा ने लगाए डकैती, लूट और प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप, BJP पर साधा निशाना, क्या है विजन पत्रिका वाली कहानी?

@स्नेहिल सराफ

तोपचंद, रायपुर। Vinod Verma accuses ED of dacoity And loot: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के घर कल ईडी ने दबिश दी थी। कई घंटे तक ईडी के अधिकारियों ने विनोद वर्मा से पूछताछ की और दस्तावेजों की जांच की थी। इसके साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ भी विनोद वर्मा के घर के बाहर उमड़ गई थी। कांग्रेसी लगातार ईडी कार्रवाई का विरोध कर रहे थे और इसे भाजपा द्वारा प्रायोजित षड्यंत्र बता रहे थे।

प्रेस कांफ्रेंस में क्या बोले- विनोद वर्मा

घर में छापा पड़ने के बाद विनोद वर्मा ने आज मीडिया के सामने अपनी बात रखी। पत्रकार वार्ता कर उन्होंने कहा कि मेरा पत्रकारिता जीवन लंबा रहा और अभी राजनीतिक जीवन उससे छोटा है। मेरे घर में जो धूल है वह मेरे ही है। अगर उसमें कुछ और शामिल है तो वह आप जैसे मित्रों के आने से जो धूल आती है वही है। इसके अलावा मेरे पास कुछ भी नहीं है जिस पर आप शक कर सके।

वर्मा ने आगे कहा कि मेरे घर में कल डकैती हुई है, लूट हुई है। इसको मैं पुख्ता आधार पर कह रहा हूं क्योंकि जो बयान ईडी ने मुझसे लिया है उसमें भी मैंने यह दर्ज करवाया है कि आप मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। जो कुछ भी आप कर रहे हैं वह रोबरी है, डकैती है। मेरे घर में जितना सोना मिला वह 2005 से 2023 तक जितना भी सोना खरीदा इसका एक-एक का बिल प्रोड्यूस किया।

जो मेरी पत्नी को शादी में मिला था उसका बिल मेरे पास नहीं था उसके अलावा सभी का बिल प्रस्तुत किया। इसके अलावा मेरे भांजे, भतीजे की शादी में मैंने जो गहने खरीदे थे उसका बिल भी मैंने प्रस्तुत किया। इसके बावजूद ईडी सारा गहना जब्त करके ले गई कि आप इसका पुख्ता सबूत नहीं दे रहे हैं। यह गहन आपने कहां से खरीदा। जब मैंने पूछा कि कोई घर में कितना गहना रख सकता है तो उन्होंने कहा कि यह आईटी एक्ट में है ईडी एक्ट में नहीं है।

Read More: CG CRIME : बदमाशों ने खुलेआम बीच सड़क में युवक को मारा चाक़ू, मौके पर हुई मौत, मामले में जुटी पुलिस

विनोद वर्मा बोले – नए प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है

उन्होंने (ईडी) कहा कि आप हमें संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। मैंने कहा संतुष्ट कैसे कर सकता हूं यह सारे बिल मैंने आपको दे दिए। उन्होंने कहा कि इस बिल को पे कैसे किया उसका सबूत आपके पास नहीं है। तो भारतीय कानून में पहली बार यह प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है कि अगर आप कोई चीज बिल से खरीद रहे हैं तो उसे बिल के पेमेंट का मोड भी आपको सुरक्षित रखना पड़ेगा। यह आईपीसी और सीआरपीसी को नए सिरे से डिफाइन कर रहे हैं।

कोने-कोने की जांच और शादी के लिफाफे ले गए: वर्मा

जो नगद मेरे यहां से लेकर गए उसमें 2 लाख 55 हजार 300 लेके गए। कोने-कोने की जांच हुई। मेरे बेटे की शादी में जो लिफाफे मिले थे वह पड़े हुए थे। सारे लिफाफे खोल के पैसे निकाल लिए। उसका हिसाब नहीं बनाया। मेरे बेटे ने ईमेल में यह रिकार्ड रखा था कि किस गेस्ट ने कितने रुपए लिफाफे में रखे थे। उसको भी प्रस्तुत किया और उसमें से बताएं कि इसमें से कितने पैसे बचे हैं। उन्होंने फिर कहा कि आप संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। मैंने सभी के डिटेल दिए।

इस पत्रिका को बताया छापे का आधार

छापे का आधार बताते हुए विनोद वर्मा ने कहा कि इस छापे का आधार एक पत्रिका है। इस पत्रिका का नाम जगत विजन पत्रिका है और इसके संपादक का नाम विजया पाठक है। विजया पाठक ने इसमें कहानी लिखी है। सत्य कथा, मनोहर कहानी जैसी एक कहानी है। इसमें लिखा गया है कि एक कोई रवि उप्पल है जो मेरे बेटे के ससुराल तरफ से रिलेटिव है।

इसमें लिखा गया है कि कोई चंद्र भूषण वर्मा है जो मेरे रिलेटिव है और मेरी सहायता से यह पूरे रैकेट चलाते हैं। इस पत्रिका के खिलाफ मैंने दुर्ग पुलिस से शिकायत की थी। बिना आधार के कंटेंट छाप रहे हैं और यदि उनके पास सबूत है तो उन्हें बुलाकर पूरी जांच की जाए। इस पत्रिका के संपादक के खिलाफ मैं पर्याप्त कानूनी कार्रवाई करने वाला हूं, इसकी शुरुआत मैं कर चुका हूं। चंद्रभूषण मेरा दूर दूर तक रिलेटिव नही है।

ED का नियंत्रण कहीं और से: विनोद वर्मा

विनोद वर्मा ने कहा कि चंद्रभूषण से मैंने एक बार ढाई साल पहले मुलाकात की। मैंने उसे बुलवाया था और कहा था मेरे नाम से अगर कुछ करते हो तो मैं तुम्हें नौकरी से भी हटवाऊंगा और जेल भिजवाऊंगा। मैं मुकदमा दायर करूंगा। उसके बाद से मेरे दफ्तर में नहीं आया है तो उसकी जो भी भूमिका इस महादेव सट्टे में है उसकी पहले जांच कर लेते, तहकीकात कर लेते उसके बाद आते। ईडी तरह हो गया है कि कोई कहे कि आपका कान कौआ ले गया है तो आप कौवे की और भागेंगे। कान टटोलकर देखने की स्थिति में नहीं है। उनका नियंत्रण कही और है।

क्या छपा था विजन पत्रिका में?

विजन पत्रिका का संपादन विजया पाठक करती है। जब हमने इसे जुड़ी रिपोर्ट इंटरनेट पर खंगाली तब पता चला 2022 अक्टूबर को महादेव ऐप को लेकर विजया पाठक ने कुछ लेख प्रकाशित किए थे और जिसने उन्होंने सरकार और उनके करीबियों समेत कुछ आईपीएस अधिकारियों का जिक्र किया था।

क्यों नहीं सामने आ रहा है कार्रवाई का असल आधार

विनोद वर्मा ने इस बात का जिक्र बार बार किया और कहा “मैने बार बार पूछा है आधार बता दीजिए। इस कार्यवाही का आधार क्या है ? क्या इस मैग्जीन में छपी कहानी है या चंद्रभूषण वर्मा का बयान है या किसी गृहमंत्री का सपना है या ये एक प्रधानमंत्री की तानाशाही है”

Contact

Snehil Saraf
Head Editor
Topchand.com
Contact : +91 9301236424
Email: topchandnews@gmail.com

ADVT

Press ESC to close

Poonam Pandey ने डीप नेक ब्रालेट पहन धड़काया यूजर्स का दिल लक्षद्वीप में समंदर में उतरे PM मोदी, देखें तस्वीरें भोजपुरी एक्ट्रेस Monalisa का बिकनी अवतार देख सब रह गए दंग Amy Aela ने बिकनी में बीच किनारे बिखेरा हुशन का जलवा, लोग हुए दीवाने 2024 में कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति और क्या है शुभ मुहूर्त