एंटरटेनमेंट डेस्क, तोपचंद। OMG 2 Review : बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार और पंकज त्रिपाठी स्टारर फिल्म ओह माय गॉड 2 OMG 2 आज सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। दर्शकों का इन्तजार आज ख़त्म हो गया। फैंस लंबे वक्त से फिल्म का इंतजार कर रहे थे। इस फिल्म को जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा है। फिल्म में एक्टर अक्षय कुमार जहां भगवान शिव के दूत के रोल में नजर आ रहे हैं तो वही पंकज त्रिपाठी भोलेनाथ के अनन्य भक्त बने हैं।
इस फिल्म में सेक्स एजुकेशन के मुद्दे को उठाया गया है। ‘ओएमजी 2’ की कहानी की समीक्षकों का दिल जीत लिया है, कुछ समीक्षकों ने तो फिल्म को 4 स्टार दिए हैं। अब ‘ओएमजी 2’ पर दर्शकों के रिएक्शन भी आने शुरू हो गए हैं। इस फिल्म को दर्शक फुल पैसा वसूल बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह बहुत ही मनोरंजक, हास्यस्पद और बोल्ड है।
OMG 2 की पब्लिक रेटिंग की बात करें तो 156 मिनट की इस फिल्म को साढ़े तीन स्टार दिए गए हैं। अमित राय कि यह कहानी अज्ञानता से होने वाले नुकसान, अपराध और इस विषय को पढ़ाने के तरीकों को भी बताने का प्रयास करती है।
क्या है फिल्म की कहानी
महाकाल की नगरी में शिव भक्त कांती शरण मुद्गल (पंकज त्रिपाठी) सुख शांति से अपने परिवार के साथ जीवनयापन कर रहा होता है। अचानक से उसकी जिंदगी में भूचाल आता है जब उसके किशोर बेटे विवेक (आरुष वर्मा) को अश्लीलता के आरोप में स्कूल से निष्कासित कर दिया जाता है।
दरअसल, उसके बेटे का स्कूल के टायलेट में प्राइवेट मोमेंट का वीडियो वायरल हो जाता है। स्कूल अपनी प्रतिष्ठा को बचाए रखने के लिए विवेक को स्कूल से निकाल देता है। अपने बेटे की अश्लील हरक
त से शर्मिंदा और लोकलाज के डर से कांति अपने परिवार के साथ किसी रिश्तेदार के यहां जाने का फैसला करता है।
इस बीच सामाजिक प्रताड़ना और अपमान की वजह से विवेक आत्महत्या का प्रयास करता है। यह हालात कांति को रूढ़िवादी विचारों के खिलाफ सवाल उठाने को मजबूर करते हैं। वह अपने बेटे के मानसिक उत्पीड़न के लिए स्कूल, झोलाछाप डाक्टर और उन लोगों पर मुकदमा करता है, जो सेक्स के प्रति अशिक्षा के अभाव में लोगों की मासूमियत और अज्ञानता का फायदा उठाते हैं और अपनी जेब भरते हैं।
स्कूल की तरफ से मुकदमा कामिनी माहेश्वरी (यामी गौतम) लड़ती है। फिल्म में उनके जरिए तर्क दिया जाता है कि मास्टरबेट पाप है, हमारा रूढ़िवादी समाज अभी तक यौन शिक्षा के लिए तैयार नहीं है। यह एडल्ट एजुकेशन के प्रति लोगों के दृष्टिकोण को बताता है।
अदालत में न्यायाधीश पुरुषोत्तम नागर (पवन मल्होत्रा) के सामने एडल्ट एजुकेशन को लेकर दलीलें पेश की जाती हैं। यह शिक्षा पद्धति के साथ समाज की उन खामियों को उजागर करता है, जो लंबे समय से संस्कृति की आड़ में दबी हुई हैं। इस दौरान महादेव के दूत (अक्षय कुमार) समय-समय पर कांति की मदद करते हैं
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