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What is “pre-diabetes” : पूरी दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और सिर्फ़ भारत में ही 7.7 करोड़ लोग इससे पीड़ित हैं . वहीं दूसरी तरफ ऐसे कई लोग हैं जो डायबिटीज के मरीज तो नहीं हैं लेकिन प्री-डायबिटीज (Prediabetes) नामक बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें इसके बारे में पता भी नहीं है. भारत में लगभग 14% लोग प्री-डायबिटिक की श्रेणी के अंतर्गत आते हैं. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि प्री-डायबिटीज क्या है और इसके लक्षण एवं इससे बचने के उपाय क्या हैं.
“प्री-डायबिटीज” क्या है?

यदि रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक है लेकिन डायबिटीज की सीमा तक नहीं पहुंचा है, तो इसे “प्री-डायबिटीज” कहा जाता है।
प्री-डायबिटीज के लक्षण (symptoms of prediabetes)
-प्री-डायबिटीज वाले अधिकांश लोगों में ऐसे स्पष्ट लक्षण नहीं दिखेंगे, रक्त की जांच करने पर ही बीमारी का् पता चलता है।
-इसलिए, जोखिम कारकों या प्री-डायबिटीज के इतिहास वाले लोगों को अपने चिकित्सक की सलाह का पालन करना चाहिए और नियमित रूप से रक्त ग्लूकोज जांच से गुजरना चाहिए।
-लक्षणों की अनुपस्थिति में भी, रक्त ग्लूकोज का लगातार बढ़ा स्तर छोटी रक्त वाहिकाओं को धीरे-धीरे खराब कर सकता है, जिससे रेटिनोपैथी और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं।
कैसे कंट्रोल करें Prediabetes को
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डाइट में करें बदलाव
डायबिटीज के रिस्क को कम करने के लिए सबसे पहले अपनी डाइट में बदलाव करें. अगर आप ज्यादा कार्ब्स खा रहे हैं तो उसे तुरंत बंद कर दीजिए. ज्यादा शुगर वाली चीजों से खुद को दूर रखने की कोशिश करें. अपनी डाइट में मिलेट्स यानी साबुत अनाज, फल और हरी सब्जियों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें.
करें एक्सरसाइज
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि प्री डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों को रोजाना कम से कम 30 मिनट का वर्कआउट जरूर करना चाहिए. इससे न सिर्फ वेट कम होता है बल्कि इंसुलिन फंक्शनिंग भी बेहतर होगी.
स्मोकिंग
स्मोकिंग न सिर्फ कैंसर का कारण बन सकती है बल्कि इससे डायबिटीज का का खतरा भी रहता है. स्मोकिंग करने से डायबिटीज होने का करीब 40 फीसदी तक खतरा होता है. इसके साथ ही, दिल के रोगों का खतरा भी कम होता है.
पर्याप्त नींद
रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लें. पर्याप्त नी्ंद नहीं लेने से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ जाता है, जो डायबिटीज और प्री डायबिटीज का कारण बन सकता है.
किन लोगों को ज्यादा रिस्क
- जिन लोगों का वजन ज्यादा हो
- उम्र 45 वर्ष या उससे ज्यादा हो
- माता-पिता या भाई-बहन को टाइप 2 डायबिटीज
- फिजिकल एक्टिविटी को कम करने वाले लोग
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