CG में कंजेक्टिवाइटिस की चपेट में 20 हजार से ज्यादा मरीज, बढ़ा दी स्वास्थ्य विभाग और सरकार की टेंशन! CM ने रोकथाम के दिए निर्देश

हेल्थ डेस्क, तोपचंद : 20 thousand patients of conjunctivitis in CG : छत्तीसगढ़ में तेजी से इन दिनों कंजेक्टिवाइटिस (conjunctivitis )का खतरा बढ़ रहा है. प्रदेश के कोने कोने से मरीजों के अस्पताल पहुंचने की ख़बरें सामने आरही है. ऐसे में अब सरकार की भी इसको लेकर चिंतित है. वही इस कंजेक्टिवाइटिस (conjunctivitis )की बला ने स्वास्थ्य विभाग की भी टेंशन बढ़ा दी है.

इस मसले पर सीएम बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में कंजेक्टिवाइटिस की रोकथाम के उपायों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कंजेक्टिवाइटिस से बचने के उपायों और सावधानियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके. उन्होंने विशेषज्ञों की सलाह का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों को यह बताया जाए हाथों को बिना साफ किए हाथ आंखों में ना लगाएं, जिससे संक्रमण ना हो.

छत्तीसगढ़ में 20 हजार से ज्यादा मरीज

छत्तीसगढ़ में पिछले 1 हफ्ते से कंजक्टिवाइटिस का कहर जारी है. आंखों की इस बीमारी कंजक्टिवाइटिस जिसे पिंक आई भी कहते हैं उसके 20 हजार से अधिक मरीज मिल चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर मेडिकल कालेज में सैंपल कल्चर और सेंसिविटी में जांच के लिए सैंपल भी भेजे हैं.

500 से ज्यादा लोग आई फ्लू की चपेट में

कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू तेजी से पैर पसार रहा है. राजिम में पिछले तीन दिनों में ही इस बीमारी ने 500 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है, आंकड़ा हर दिन बढ़ता ही जा रहा है, लोगों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर है, डॉक्टर्स लोगों को आंख लाल होने पर खुजली या दर्द होने पर तत्काल सावधानी बरतते हुए हॉस्पिटल पहुँच कर जांच करवाने की जरूरी सलाह दे रहे हैं.

यह संक्रामक बीमारी है जो संपर्क में आने से फैलने के कारण-

-मरीज को अपनी आँखो को बार-बार ठंडे पानी से धोवे.

-बार-बार हाथ न लगाये.

-रोगी से हाथ मिलाने एवं उसकी उपयोग की चीजें अलग कर बीमारी के फैलाव से बचे.

-संक्रमित आँख को देखने से पूर्व काला चश्मा प्रयोग करें, इस बीमारी को केवल संपर्क के फैलाव को रोककर बचाव किया जा सकता है.

इस रोग के संक्रमण को रोकने के लिये निम्नलिखित उपचार किये जा सकते है:-

-एण्टीबॉयोटिक ड्रॉप जैसे-Gentamicine/ ciprofloxacin ड्रॉप आँखो में छ: बार एक-एक बूँद तीन दिनो के लिये मरीज को देना चाहिये.

-तीन दिनों में आराम न आने पर नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सक के पास जाना आवश्यक है.

-इसके जाँच एवं उपचार की सुविधा चिकित्सा महाविद्याालय, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो में नि:शुल्क उपलब्ध है.

-जनसामान्य से अपील की जाती है कि, आँखो में होने वाले संक्रमण की शिकायत को हल्के में न लेकर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रो में संपर्क करें.

कंजेक्टिवाइटिस से डरने की नहीं, सावधानी की जरूरत

बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस से डरने की जरूरत नहीं है, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक जांच और उपचार की व्यवस्था है. लोगों को निःशुल्क दवाईयां दी जा रही है. अस्पतालों में यह ध्यान रखा जाए कि यदि संक्रमण है तो आपरेशन नहीं किया जाए. विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि सामान्यतः यह बीमारी 3 दिन में ठीक हो जाती है. यदि ठीक नहीं होती, आंखों में तकलीफ रहती है या दृष्टि में धुंधलापन आता है तो नेत्र विशेषज्ञ को तुरंत दिखाएं. लोग हाथ मिलाने से बचें और बिना साफ किए हाथ आंखों में ना लगाएं.

छत्तीसगढ़ में कंजेक्टिवाइटिस (conjunctivitis) को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. प्रदेशभर में सप्ताहभर में कंजेक्टिवाइटिस के 19 हजार 155 मरीज सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में मोतियाबिंद के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है. नेत्र विभाग के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के आंखों का चेकअप करने का निर्देश जारी किया गया है.

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कंजंक्टिवाइटिस से कैसे बचें
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