तोपचंद, नेशनल डेस्क: NCP leader Ajit Pawar took oath as Deputy Chief Minister: महाराष्ट्र में फिर से राजनितिक माहौल बदल गया है. शिव सेना के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) भी अब टूट गई है। एनसीपी नेता और नेता प्रतिपक्ष अजित पवार करीब 29 विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और भाजपा व एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना सरकार को समर्थन दिया। राजभवन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की उपस्थिति में NCP नेता अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
इन्होनें भी ली शपथ
NCP नेता अजित पवार ने महाराष्ट्र में शपथ ली और एनडीए सरकार में शामिल हुए। NCP नेता छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में महाराष्ट्र के मंत्री पद की शपथ ली। NCP नेता दिलीप पाटिन ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में महाराष्ट्र के मंत्री पद की शपथ ली। NCP नेता धनंजय मुंडे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में राजभवन में महाराष्ट्र के मंत्री पद की शपथ ली। NCP नेता हसन मुश्रीफ ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में महाराष्ट्र के मंत्री पद की शपथ ली। NCP नेता धर्माराव ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में राजभवन में महाराष्ट्र के मंत्री पद की शपथ ली। एनसीपी नेता अदिति तटकरे ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मौजूद रहें। एनसीपी नेता संजय बनसोडे ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मौजूद रहें। एनसीपी नेता अनिल पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मौजूद रहें।
न्यूज़ एजेंसी ANI ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि, NCP नेता अजित पवार के साथ राजभवन गए कुछ विधायक, पटना में विपक्षी एकता बैठक में राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने और उन्हें सहयोग करने के शरद पवार के “एकतरफा” फैसले से “नाराज” थे. वहीं पवार काफी समय से अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़कर संगठन का काम करने की बात कही थी। बता दें कि हाल ही में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को नया कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। इस बदलाव से पवार की नाराजगी के कयास लगाए जा रहे थे।
2019 में बने थे उप मुख्यमंत्री
बता दें कि 2019 में पावर ने देवेन्द्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया था। 23 नवंबर 2019 को दोनों नेताओं ने राजभवन जाकर शपथ ग्रहण भी कर लिया था, लेकिन उनकी सरकार एक दिन भी नहीं चल पाई। कुछ ही देर बाद दोनों को इस्तीफा देना पड़ा था।
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