Girls with short dress are Not allowed in these temples : उत्तराखंड के देवभूमि में मंदिरों के लिए भी ड्रेस कोड लागू किया गया है। मंदिरों में प्रवेश करने पर शरीर को पूरी तरह से ढका हुआ होना आवश्यक है और बिना ऐसे ढंके मंदिरों में प्रवेश नहीं किया जा सकेगा। उत्तराखंड में प्रसिद्ध शिव मंदिरों में सख्ती से ड्रेस कोड का पालन करने की घोषणा की गई है। CG News: कुएं में युवक की लाश मिलने से गांव में मचा हड़कंप, जांच कर रही पुलिस
Girls with short dress are Not allowed in these temples : इस निर्देशानुसार, लड़कों और लड़कियों को सख्ती से ड्रेस कोड का पालन करना होगा। यह निर्देश उत्तराखंड के अलावा दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए भी लागू होगा, जो मंदिरों में प्रवेश करना चाहते हैं।
किन किन मंदिरों के लिए लागु होंगे ये नियम ?
Girls with short dress are Not allowed in these temples : महानिर्वाणी अखाड़ा द्वारा जारी फरमान के अनुसार, उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर, पौड़ी जिले में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर, और देहरादून में स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करने वाली महिलाओं और बच्चियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। यानी वे छोटे कपड़े पहनकर नहीं आ सकतीं। इसका मतलब है कि उन्हें दर्शन के लिए इंट्री नहीं दी जाएगी। Raviwar Surya Pooja: आज आजमाएं सरसों तेल का ये उपाय, जबरदस्त कमाई, दूर परेशानियां
अब नहीं मिलेगी एंट्री !
Girls with short dress are Not allowed in these temples : अब छोटे वस्त्र पहन कर आने वाली लड़के और लड़कियों को इन तीन मंदिरों में प्रवेश नहीं मिलेगा। महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े इन मंदिरों में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू की जा रही है। दरअसल इन मंदिरों में कम कपड़े पहन कर आने वाली लड़कियों को पहले भी कई बार रोकने का प्रयास किया गया था, लेकिन अब विधिवत रूप से घोषणा की गई है।
ड्रैसकोड दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के मंदिरों में पहले से ही लागू
रविंद्र पुरी ने कहा कि महिला और बालिकाओं को ऐसे कपड़े पहनकर आना चाहिए, जिसमें कम से कम 80 फीसदी शरीर ढका हुआ रहे। रविंद्र पुरी ने कहा कि आगामी कांवड़ मेले में किसी तरह का कोई विवाद न हो, या श्रद्धालुओं में किसी तरह का कोई गलत विचार न आए, इसलिए इस तरह का आदेश जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के मंदिरों में तो यह व्यवस्था पहले से ही लागू है अब यह व्यवस्था यहां भी लागू की जा रही है। ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी असहज स्थिति का सामना न करना पड़े. रविंद्र पुरी ने अपील भी की है कि माताएं अपनी बहनों और बेटियों को यह सिखाएं कि वे मंदिर जाते वक्त जो भी कपड़े पहने वह सभ्यता से परिपूर्ण हों।
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