धर्म डेस्क, तोपचंद। Jyeshtha Amavasya 2023 : ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ज्येष्ठ अमावस्या मनाई जाती है. यह कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है. इसके बाद से शुक्ल पक्ष का प्रारंभ होता है. इस बार ज्येष्ठ अमावस्या और ज्येष्ठ दर्श अमावस्या दोनों एक साथ हैं. हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा का खास महत्व होता है। इन दोनों ही दिन पवित्र नदियों में स्नान-दान का विशेष महत्व रहता है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अमावस्या के दिन स्नान-दान या श्राद्ध आदि करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन श्राद्ध करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सारे काम पूरे होते हैं।ज्येष्ठ मास की अमावस्या भी एक खास स्थान रखती है जो कई वजहों से अहम मानी जाती है। ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। इसी के साथ पति की लंबी आयु व उन्नति के लिए महिलाएं इस दिन वट सावित्री व्रत भी रखती हैं।
ज्येष्ठ अमावस्या का स्नान-दान मुहूर्त
ज्येष्ठ अमावस्या वाले दिन प्रात:काल से ही स्नान और दान प्रारंभ हो जाता है. इस दिन आप सुबह पवित्र नदी में स्नान कर लें और उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करें. ऐसा करने से पुण्य लाभ होगा. ज्येष्ठ अमावस्या पर चर-सामान्य मुहूर्त सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 07 बजकर 11 मिनट तक है. लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 07 बजकर 11 मिनट से सुबह 08 बजकर 53 मिनट तक है. अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 08 बजकर 53 मिनट से सुबह 10 बजकर 35 मिनट तक है. उसके बाद शुभ-उत्तम मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से दोपहर 02:00 बजे तक है.
ज्येष्ठ अमावस्या पूजा के नियम
सुबह जल्दी उठ कर नहा धोकर, पूजा पाठ करें। कई लोग इन दिनों गंगा में डुबकी भी लगाते हैं। श्रद्धालुओं को भगवान सूर्य को प्रणाम करते हुए जल अर्पित करना चाहिए। इस दिन दान का भी महत्व है। ब्राह्मण को भोजन व कपड़ों का दान करना शुभ माना जाता है।
ज्येष्ठ अमावस्या पर ये कार्य न करें
- इस दिन घर में किसी को भी मांस अथवा शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.
- किसी बाहरी व्यक्ति को ना उधार लेना चाहिए और न ही उधार लेना चाहिए.
- इस दिन कोई भी नई चीज नहीं खरीदना चाहिए.
- इस दिन संभोग करने से बचना चाहिए.
- माता-पिता अथवा बुजुर्गों का अपमान नहीं करें और ना ही घर आए भिखारी का तिरस्कार करें.
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन करें ये कार्य
- इस दिन पितरों को तर्पण एवं पिंडदान करना सफल माना जाता है
- पीपल पर सूत बांधना चाहिए, कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए.
- ज्येष्ठ अमावस्या के दिन गाय, कुत्तों एवं कौओं को खाना खिलाने से पित्तर संतुष्ट होते हैं.
- इस दिन शनि जयंती होने के कारण इस दिन पीपल की जड़ में पानी चढ़ाने के बाद दीप प्रज्वलित करना चाहिए.
- स्नानादि के पश्चात ब्राह्मण को काले तिल का दान करना चाहिए.
- ज्येष्ठ अमावस्या के दिन संतान की मनोकामना के साथ व्रत रखने से मनोकामना पूरी होती है.
- पशु-पक्षी को इस दिन पानी पिलाने से पुण्य प्राप्त होता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Topchand .com इसकी पुष्टि नहीं करता
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