

नेशनल डेस्क : Param Bir Singh: महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए हैं। इतना ही नहीं राज्य सरकार ने दिसंबर 2021 में जारी निलंबन के आदेश को भी रद्द कर दिया है। साथ ही यह कहा है कि और कहा कि निलंबन के दौरान माना जाए कि वह ऑन-ड्यूटी थे। महाविकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान जब अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे।
तब उनपर परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। परमबीर सिंह ने तब कहा था कि अनिल देशमुख ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे को 100 करोड़ की हफ्ता वसूली का टारगेट दिया था। इन आरोपों के बाद अनिल देशमुख को मंत्री पद से इस्तीफ़ा भी देना पड़ा था। इसके अलावा भ्रष्टाचार के आरोप में अनिल देशमुख को जेल भी जाना पड़ा था।
परमबीर सिंह के खिलाफ हफ्ता वसूली के कुल आठ मामले दर्ज किये गए थे। फ़िलहाल इन मामलों में उन्हें राहत दी गयी है। जब यह मामले परमबीर सिंह के खिलाफ दर्ज किये गए थे तब उन्होंने ठाणे में दर्ज मामले में अपना बयान भी दर्ज करवाया था। परमबीर सिंह फ़िलहाल रिटायर हो चुके हैं इसलिए अब पुलिस महकमे में उनकी वापसी नहीं हो सकती है। भ्रष्टाचार के अलावा परमबीर सिंह एससी/ एसटी कानून के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया था।
ख्वाजा यूनुस मौत मामले में 16 साल से निलंबित चल रहे सचिन वझे को भी पुलिस महकमे में दोबारा लाने का आरोप भी परमबीर सिंह पर लगे थे। वझे को परमबीर सिंह का काफी करीबी बताया जाता है। एंटीलिया विस्फोटक मामले और मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले के बाद परमबीर सिंह और सचिन वझे की मुश्किलें बढ़ने लगी थीं।
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