
तोपचंद, भिलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा विधायक देवेंद्र यादव की संपत्ति जब करने के मामले में विधायक देवेंद्र ने कहा कि मेरी मां ने मेरे पिताजी के गुजर जाने के बाद जब मैं 21 वर्ष का हुआ तो 2011 में बैंक से लोन लेकर हाउसिंग बोर्ड से 13 लाख में मकान खरीदा था। जब मकान खरीदा तब ढाई लाख रुपए जमा किया था। बाकी राशि को पंजाब नेशनल बैंक में किस्त के माध्यम से अदा किया और 2020 में लोन क्लीयर हुआ। जिसका पूरा रिकॉर्ड है। इसके बावजूद मेरी वृद्ध मां को समन जारी कर परेशान कर दिया है।
विधायक देवेन्द्र यादव ने अपनी मां को समन भेजने पर कहा कि, मां महज बच्चे की जननी ही नहीं होती, बल्कि परिवार को संभालने का आधार होती है, लेकिन यहां तो ईडी परिवार को संभालने वाली 70 वर्षीय वृद्ध मां को परेशान कर रही है। विरोधी दल के इशारे पर मेरे परिवार को परेशान करने का कार्य कर रही है। मेरी मां को पहले तो नोटिस जारी किया। अब उनकी पुश्तैनी संपत्ति को अटैच कर सीज करने की कार्रवाई कर रही है।
भिलाई की जनता मेरा परिवार – देवेंद्र
भिलाई जनता की इस बात से भली भांति वाकिफ है कि, भिलाई ही मेरा घर है और भिलाई की जनता ही मेरा परिवार है। परंतु भाजपा को यह भिलाई की जनता के साथ मेरा पारिवारिक रिश्ता खटक रहा है। इसलिए उन्हें, हमें परेशान करने का टारगेट दिया गया है कि जाओ और उन्हें सताओ। छापा मारो, नोटिस जारी कर परेशान करो। ईडी का यही खेल यहां चल रहा है।
मेरे परिवार का कर दिया बंटवारा
विधायक यादव ने कहा कि ईडी ने मेरे नाम पर ज्यादा संपत्ति दर्शा कर मुझे बदनाम करने की नीयत से परिवार के पुश्तैनी घर का बंटवारा कर दिया। ईडी ने मेरे नाम पर कुल 19 लाख 81 हजार 210 रुपए सीज किया है। इसमें छत्तीसगढ़ विधानसभा से मुझे मिलने वाली सैलेरी 8 लाख रुपए है और बाकी 10 लाख घर की कीमत का पैसा है। जो मेरी मां और बड़े भैय्या के नाम पर है। उस घर के आधा हिस्सा कर मेरे नाम पर जोड़कर 19 लाख रुपए बनाया है।
केन्द्र नहीं चाहती छत्तीसगढ़ सरकार अच्छा काम कर रहे
विधायक देवेंद्र ने कहा केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि छत्तीसगढ़ की सरकार अच्छा काम करती रहे। ईडी जिस तरह से व्यवहार कर रही हैं उसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए कि बीते 9 सालों से गैर बीजेपी शासित राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों का किस प्रकार दुरुपयोग हो रहा है। सरकार ने बेहतर प्रदर्शन कर विकास का काम शुरू किया तभी से एजेंसियों का खेल शुरू हुआ। उन्होंने आरोप लगाया है कि ईडी अब राज्य में पूरे सिस्टम को ठप करने का काम कर रही है। व्यापारी,अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को समन भेजती है। छापेमारी में कागजातों और नकदी बरामदगी की बातें सामने आती हैं, परंतु इस संबंध में औपचारिक सूचनाएं जारी नहीं की जाती हैं।
देवेंद्र यादव ने उठाया सवाल
विधायक ने सवाल उठाया है कि मीडिया से पहले सभी सूचनाएं भाजपा को कौन देता है? कैसे मीडिया से पहले भाजपा के आईटी सेल को पता चल जाता है कि ईडी क्या कार्रवाई कर रही है, कहां कार्रवाई करने वाली है। किनकी, कितनी संपत्ति जब्त की गई है, जबकि ईडी के अधिकारियों से पूछने पर कहते हैं उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। तो यह कैसे संभव है कि अधिकारियों से पहले भाजपा के सोशल मीडिया अकाउंट पर ईडी की कार्रवाई का ट्रवीट आ जाए ?
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