छत्तीसगढ़ डेस्क, तोपचंद : ED arrested Anwar Dhebar Chhattisgarh liquor scam of ₹2,000 crores : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाले और मनी लॉंड्रिंग मामले में रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया है। साथ ही ईडी ने छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का दावा किया है. आसान भाषा में कहे तो मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब है गैर-कानूनी तरीकों से कमाए गए पैसों को लीगल तरीके से कमाए गए धन के रूप में बदलना, मनी लॉन्ड्रिंग अवैध रूप से कमाए गए धन को छिपाने का एक तरीका है.
इसी मामले में ED याने की प्रवर्तन निदेशालय ने मार्च के महीने में छत्तीसगढ़ राज्य में कई कारोबारियों और अधिकारीयों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. स्थानों पर तलाशी ली और कथित घोटाले में शामिल विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए. एजेंसी का दावा है कि उसने “2019 और 2022 के बीच 2,000 करोड़ रुपये के “अभूतपूर्व भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग” के सबूत जुटाए हैं। ये खबर भी ज़रूरी है :
ऐसे में आपको बता दें कि इस प्रकार के गैर-कानूनी धन की हेरा-फेरी करने वाले व्यक्ति को लाउन्डर कहा जाता है. अब छत्तीसगढ़ में एक नाम “अनवर ढेबर” जो की कारोबारी है और साथ ही साथ रायपुर के महापौर ऐजाज़ ढेबर का भाई है उसे ED ने इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है.
“हर बोतल” पर पैसा एकत्र किया गया – ED
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री में “अभूतपूर्व” भ्रष्टाचार के विवरण का खुलासा करते हुए राज्य में बेची गई शराब की “हर बोतल” पर पैसा एकत्र किया गया था. अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले शराब सिंडिकेट द्वारा उत्पन्न मनी लॉन्ड्रिंग की राशि ₹2,000 करोड़ तक थी। ईडी ने मामले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को भी गिरफ्तार किया है और उसे चार दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है. वही अनवर ढेबर को एक दिन पहले याने की 5 मई की रात एक निजी होटल से ED ने गिरफ्तार किया था जिसके बाद उसके पास कमरे में दो डोंगल,दो आईफोन और एक सामान्य फोन बरामद किया गया है जिसके सीम बेनामी है. CG Teacher Bharti: 12489 पदों पर शिक्षक भर्ती, 10 जून को होगी परीक्षा, जानें पूरी डिटेल
पहले आप ये समझ लीजिए की ED ने अनवर ढेबर पर क्या आरोप लगया है ?
ईडी ने आरोप लगाया है कि, “पीएमएलए जांच से पता चला है कि अनवर ढेबर के नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में काम कर रहा था। अनवर ढेबर, बड़े राजनेताओं, अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ मिलकर इस काम को अंजाम देता था। ईडी अधिकारियों के अनुसार, अनवर ढेबर ने साजिश के तहत घोटाले को अंजाम दिया। इसके लिए व्यक्तियों और संस्थाओं का एक व्यापक नेटवर्क तैयार किया ताकि छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली शराब की प्रत्येक बोतल से अवैध रूप से पैसा एकत्र किया जा सके।
ईडी ने कहा- सिस्टम को अपने अधीन रख किया गया घोटाला
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि राजनीतिक अधिकारियों के समर्थन से अनवर ढेबर सीएसएमसीएल के सहायक आयुक्त और प्रबंध निदेशक को मैनेज करने में कामयाब रहा। साथ ही विकास अग्रवाल और अरविंद सिंह जैसे करीबी सहयोगियों को सिस्टम को पूरी तरह से उनके अधीन करने के लिए काम पर रखा। निजी डिस्टिलर, एफएल-10ए लाइसेंस धारक, आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जिला स्तर के आबकारी अधिकारी, जनशक्ति आपूर्तिकर्ता, कांच की बोतल बनाने वाले, होलोग्राम बनाने वाले, कैश कलेक्शन वेंडर आदि से शुरू होने वाले शराब के व्यापार की पूरी श्रृंखला को उन्होंने नियंत्रित किया। रिश्वत और कमीशन की अधिकतम राशि निकालने के लिए इसका लाभ उठाया। इस प्रक्रिया में विभिन्न अन्य हितधारकों को भी अवैध रूप से लाभान्वित किया गया था।
ईडी का आरोप है कि राज्य में तीन पैटर्न में शराब का सिंडिकेट चल रहा था
पहला पैटर्न-
ईडी ने कथित तौर पर पाया कि, सीएसएमसीएल द्वारा जो खरीददारी की गई, उसके आपूर्तिकर्ताओं से सिंडिकेट द्वारा 75-150 रुपये प्रति केस (शराब के प्रकार के आधार पर) का कमीशन लिया गया था.
पैटर्न 2-
अनवर ढेबर ने अन्य लोगों के साथ मिलकर बेहिसाब देशी कच्ची शराब बनवाना शुरू किया और सरकारी दुकानों के माध्यम से उन्हें बेचा। इस तरह, वे राजकोष में 1 रुपये भी जमा किए बिना पूरी बिक्री की आय रख सकते थे। डुप्लीकेट होलोग्राम उपलब्ध कराए गए, डुप्लीकेट बोतलें नकद में खरीदी गईं और शराब को डिस्टिलर से सीधे राज्य के गोदामों से होते हुए दुकानों तक पहुंचाया गया। पूरी बिक्री का कोई लेखा- जोखा नहीं था, इसमें डिस्टिलर, ट्रांसपोर्टर, होलोग्राम निर्माता, बोतल निर्माता, आबकारी अधिकारी, आबकारी विभाग के उच्च अधिकारी, अनवर ढेबर, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और राजनेता शामिल रहे.
पैटर्न 3-
यह एक वार्षिक कमीशन था जिसका भुगतान मुख्य डिस्टिलर्स द्वारा डिस्टिलरी लाइसेंस प्राप्त करने और सीएसएमसीएल की बाजार खरीद में निश्चित हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए किया जाता था. डिस्टिलर्स उन्हें आवंटित बाजार हिस्सेदारी के प्रतिशत के अनुसार रिश्वत देते थे. सीएसएमसीएल द्वारा इस अनुपात में सख्ती से खरीद की जाती थी.
नियमों का नहीं किया गया पालनः ईडी
ईडी अधिकारियों ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के राजस्व में शराब बिक्री के पैसे का सबसे ज्यादा योगदान है. आबकारी विभागों को शराब की आपूर्ति को विनियमित करने, उपयोगकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण शराब सुनिश्चित करने, अवैध त्रासदियों को रोकने और राज्य के लिए राजस्व अर्जित करने के लिए अनिवार्य किया गया है। ईडी ने आरोप लगाया कि उनकी जांच से पता चला है कि अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले आपराधिक सिंडिकेट ने ऐसे नियमों का पालन नहीं किया.
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार शराब खरीदी और खुदरा बिक्री से लेकर उपभोक्ता बिक्री तक शराब व्यापार के सभी पहलुओं को नियंत्रित करती है। किसी भी निजी शराब की दुकान की अनुमति नहीं ह. सभी 800 शराब की दुकानें राज्य सरकार द्वारा संचालित हैं.
छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड राज्य में बेची जाने वाली सभी शराब की खरीद केंद्रीय रूप से करता है. सीएसएमसीएल उन जनशक्ति आपूर्तिकर्ताओं के लिए निविदाएं जारी करता है जो दुकानें चलाते हैं, नकद संग्रह निविदाएं और बोतल निर्माताओं और होलोग्राम निर्माताओं का चयन करते हैं.
महापौर ऐजाज ने ED दफ्तर के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा :
रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने आज रायपुर की आईडी दफ्तर के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस ली जहां पर उन्हें अपनी बात रखते हुए कहा कि
लगातार मुझे ईडी के दफ्तर बुलाया जा रहा है जो भी उनके जहाज के बिंदु है हम उसको पूरा सपोर्ट कर रहे हैं जिस तरीके की जांच बोल रहे हैं हम उनको पूरी तरीके से सपोर्ट कर रहे हैं मैंने ईडी के जो निर्देशक है गोयल साहब उनको मैंने एक चिट्ठी लिखी है और बताया है कि रायपुर के महापौर होने के नाते मेरे पास बहुत सारी जिम्मेदारी है हम अति आवश्यक काम की श्रेणी में आते हैं जन्म से लेकर मरण तक के काम नगर निगम करता है आप सबको पता है कि अगर साथ चलेगा 10 घंटे तक अगर मैं एक जगह बैठ लूंगा तो रायपुर शहर का काम प्रभावित होगा आप सबको पता है कि शहर में अभी अमृत मिशन का काम चल रहा है । हम घूम घूम कर उसको ठीक करवा रहे है।अपनी बात रखते हुए महापौर ने कहा कि जब बुलवाते है जैसे बुलाते है मैं आता हूं लेकिन पूछ परख कर के हमे जाने दे ऐसे घंटो बैठाए मत रखिए।
मगर ये बात मैं आप सबको कहना चाहूंगा किस से पहले 15 साल भारतीय जनता पार्टी की सरकार यहां प्रदेश में रही क्या वह सरकार पूरी तरीके से आदर्शवादी सरकार थी? क्या उस सरकार में कोई भ्रष्टाचार नहीं है? क्यों नाना घोटाले की जांच नहीं करते है? जिसकी डायरी में सीएम मैडम लिखा हुआ है कौन है जिसमें सीएम सर लिखा हुआ है क्यों 2020 में ईडी की जहां चालू हुई रमन सिंह पर आज तक उसमें एक पन्ना भी नहीं पलटा गया, क्या किसी को वहां पर बुलाया गया, क्या किसी को वीडियो ऑफिस में तलब किया गया, किसी क्या किसी को वीडियो ऑफिस की तरफ से नोटिस दी गई तो बताएं किस को नोटिस दी है.
अब अपने भाई पर लगे आरोपों को सामने रखते हुए एजाज ढेबर ने कहा कि बोलते हैं मेरे भाई के करोड़ों का घोटाला मिला है . दो रुपए का तो ये लोग कोर्ट में साबित नहीं कर पाए। कहते हैं कि मेरे भाई के यहां से भाई 2200 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली है. तो बताए उसको दो रुपए की भी संपत्ति ये लोग शो नहीं कर पाए.
अडानी- अंबानी पर साधा निशाना
महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि क्यों यह लोग अडानी और अंबानी के ऊपर कार्यवाही नहीं करते क्योंकि वह लोग फाइनेंसर है केंद्र सरकार के. हम दो हमारे दो. पर यहां पर जो छोटे लोग हैं जो कांग्रेस को मजबूत करने का काम कर रहे हैं कांग्रेस के कार्यकर्ता है पूरे देश भर में इस तरह के कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाया जा रहा है। कांग्रेसियों को परेशान किया जा रहा है.
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