

तोपचंद, रायपुर। ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने हिंदू राष्ट्र को लेकर कहा कि, हमारी मांग हिंदू राष्ट्र की नहीं है, हम रामराज्य की मांग करते हैं।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों की तरीफ करते हुए कहा कि यहां के लोग पुराण प्रेमी हैं, हम उन्हें पुराण सुनाएंगे। शिक्षा नीति को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बदलाव की बात कही है। उन्होंने कहा कि मदरसे में ‘धार्मिक पढ़ाई हो सकती है तो स्कूलों में हिंदू धर्म की पढ़ाई क्यों नहीं? इतिहास जैसा है, वैसा ही पढ़ाया जाना चाहिए।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने साईं बाबा को लेकर दिए गए पंडित धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि साई बाबा को लेकर दिए गए बयान का हम समर्थन करते हैं।

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शिक्षा नीति में बदलाव की जरुरत है, मदरसे में अगर धार्मिक पढ़ाई हो सकती है तो, स्कूलों में हिंदू धर्म की पढ़ाई क्यों नहीं हो सकती? एनसीआरटी में मुगलों का चैप्टर हटाए जाने को लेकर कहा -इतिहास जैसा है, वैसा पढ़ाया जाना चाहिए, तठस्थ इतिहास के लिए जरुरी है कि सबको सबकुछ पढ़ाया जाना चाहिए।
जो राजनीतिक दल में जाता है वह हिंदू महात्मा नहीः स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
हिंदू राष्ट्र को लेकर कहा कि, हमारी मांग हिंदू राष्ट्र की नहीं है, हम रामराज्य की मांग करते हैं। हिंदू राष्ट्र तो रावण और कंस के पास भी थे, लेकिन प्रजा परेशान थी। सबसे आदर्श कोई राज्य था तो वो था राम राज्य। राजनीतिक पार्टी में शामिल हुए संतों को लेकर कहा कि, ऐसे संत हिंदू महात्मा नहीं हैं।