CG में तीन साल में 55 हाथियों की मौत, जान माल की हानि के 58581 प्रकरण दर्ज

रायपुर, तोपचंद : विधानसभा में फिर आज फिर एक बार हाथियों की मौत का मामला गूंजा। अजय चंद्राकर ने अपने लिखित प्रश्न में पूछा था कि

-वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में कितने हाथियों की मौत किन-किन कारणों से हुई है?

-इनमें करंट लगने से मृत्यु होने वाली संख्या कितनी है?

विधानसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने यह जानकारी दी.

मंत्री ने अपने लिखित जवाब में बताया है कि प्रश्नांकित अवधि में 55 हाथियों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई है. इनमें से 14 हाथियों की मौत करंट से हुई है. 6 हाथियों की मौत शिकारियों द्वारा लगाए गए बिजली करंट से हुई है.

हाथी मानव द्वंद्व से जान माल की हानि के 58581 प्रकरण दर्ज

चंद्राकर ने पूछा कि इन वर्षों में हाथी मानव द्वंद्व में कितनी जान माल की हानि हुई है. मंत्री ने बताया कि उक्त अवधि में हाथी मानव द्वंद्व से जान माल की हानि के 58581 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इसमें कुल 53.43 करोड़ रुपए का मुआवजा भुगतान किया गया है. मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार हाथी मानव द्वंद्व की रोकथाम के लिए राज्य योजना हाथी रहवास क्षेत्र का विकास एवं केंद्रीय योजना प्रोजेक्ट एलीफैंट और कैम्पा मद से लेमरू हाथी परियोजना संचालित है.

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