नेशनल डेस्क, तोपचंद। कल चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारियों के लिए एक बूस्टर शॉट की तरह आया है। भारत ने बुधवार शाम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अपने चंद्रमा लैंडर को सफलतापूर्वक उतारा. अब सूर्य के लिए एक मिशन के लिए तैयार हो रहा है.जिसका नाम आदित्य-एल1 रखा गया है।
सितंबर के पहले सप्ताह में लांच होगा सूर्य मिशन
इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने बताया कि सूर्य मिशन के लिए आदित्य-एल1 उपग्रह सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा. उनके अनुसार, सौर वातावरण का अध्ययन करने के लिए कोरोनोग्राफी उपग्रह को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लगभग 15 लाख किमी की यात्रा करने में लगभग 120 दिन लगेंगे.आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान – सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला – श्रीहरिकोटा में भारत के रॉकेट बंदरगाह पर प्रक्षेपण के लिए तैयार हो रही है.
सूर्य देव के नाम पर है आदित्य-एल1
इसरो के अनुसार, अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पहले लैग्रेंज बिंदु, एल1 के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा. एल1 बिंदु के आसपास उपग्रह को बिना किसी ग्रहण/ग्रहण के लगातार सूर्य को देखने का प्रमुख लाभ है.आदित्य-एल1 उपग्रह – जिसका नाम सूर्य देव के नाम पर रखा गया है – को भारतीय रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) द्वारा ले जाया जाएगा. उपग्रह को शीघ्र ही रॉकेट के साथ एकीकृत किया जाएगा.
सूर्य मिशन के बाद गगनयान मिशन
सूर्य मिशन के बाद गगनयान गर्भपात मिशन प्रदर्शन किया जाएगा- जो भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा है. सोमनाथ ने कहा कि गगनयान मिशन इस साल सितंबर के अंत या अक्टूबर के पहले सप्ताह में होगा.सोमनाथ ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इस साल अपने जीएसएलवी रॉकेट के साथ इन्सैट 3डीएस उपग्रह की परिक्रमा करने की भी योजना बना रही है. उसके बाद, अन्वेषा उपग्रह और XPoSAT- एक एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह की परिक्रमा की जाएगी.
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उपग्रहों की परिक्रमा की बन रही योजना
सरकार ने कहा कि यह चरम स्थितियों में उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए देश का समर्पित पोलारिमेट्री मिशन होगा. पीएसएलवी रॉकेट पर रडार इमेजिंग सैटेलाइट – RISAT-1B – के प्रक्षेपण की योजना 2023 के दौरान बनाई गई है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी दो IDRSS (इंडियन डेटा रिले सैटेलाइट सिस्टम) उपग्रहों की परिक्रमा करने की भी योजना बना रही है.
2024 में वीनस मिशन भी निर्धारित
इन रॉकेटिंग मिशनों के अलावा, इसरो विभिन्न प्रणालियों का परीक्षण करेगा जो पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए उसके LVM3 रॉकेट में जाएंगे. इसरो ने 2024 में शुक्र के लिए एक उड़ान – वीनस मिशन – भी निर्धारित की है. क्या यह ‘शुक्र के लिए रात्रि उड़ान’ होगी, यह बाद में पता चलेगा.
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