शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- हिंदू राष्ट्र से काम नहीं चलेगा, रामराज्य की आवश्यकता है

तोपचंद, रायपुर। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने रायपुर मेें आज प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि, वैदिक धर्म की सुरक्षा के लिए वेदों के संरक्षण की आवश्यकता थी जिसके लिए 4 पीठों का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त कोई भी शंकराचार्य आए उन्हे नहीं माना जा सकता।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि, निश्चलनंद जी ने ठीक ही कहा, हिंदू राष्ट्र कहने वाले लोगों को जनता के सामने एक प्रारूप रखना चाहिए। ऐसा प्रारूप किसी ने नहीं रखा। प्रारूप सामने आए तो गुण दोष पर विचार किया जा सकता है। केवल नाम सुनने से अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

ये भी पढ़ें: CM भूपेश ने जिन ग्रामीणों के घर खाना खाया था अब उन्हें अपने घर कराया भोजन, बोले – सरगुजा की भाजियों का स्वाद आज तक नहीं भूला

देश की आजादी के समय लोगों ने चर्चा उठाई। उस समय करपात्री महाराज ने कहा था हिंदू राष्ट्र से काम नहीं चलेगा, रामराज्य की आवश्यकता है। हिंदू राष्ट्र कहने में वो बात नहीं आती जो रामराज्य कहने से आती हैं। हम नए राज्य की स्थापना करना चाहते हैं तो क्यों न हम रामराज्य की बात करें।

संसद में स्थापित राजदंड को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि, जो पुरानी संसद थी वहां लोकसभा अध्यक्ष के सीट के पीछे लिखा हुआ था जहां धर्म है वहीं विजय हैं। प्रतीकों के पीछे की अर्थों की उपेक्षा की जाती है। केवल प्रतीक सामने रखकर ऊपर-ऊपर सब काम कर रहे हैं। केवल दिखावा से नहीं होता प्रतीक के अर्थ को निभाया गया तो मोदी जी के द्वारा ये राजधर्म होगा। नहीं निभाया गया तो कोई मतलब नहीं होगा।

राजनैतिक लोग हमें बांटने का प्रयास कर रहे हैः शंकराचार्य

शंकराचार्य ने कहा कि, राजनीति के कारण आदिवासियों को कहा जा रहा है कि तुम हिंदू नहीं हो। हम भी जंगली थे, आदिवासी वनवासी थे। धीरे-धीरे जंगल कम हो गए। क्या वनवासी अब जंगलों में रह गए तो क्या वह वनवासी नहीं रह जाएंगे। हम भी उसी परंपरा के हैं। आदिवासी और हममें कोई अंतर नहीं। शहर में रह जाने से किसी की परंपरा समाप्त नहीं हो जाती। राजनैतिक लोग हमें बांटने का प्रयास कर रहे। आदिवासी भाइयों को उनके झांसे में नहीं आना चाहिए।

ये भी पढ़ें: BBNL के GM सतीश साहू ने ऑफिस में लगाई फांसी: शाम को घर से निकलने के बाद फोन किया बंद, सुबह मिली लाश

महिला पहलवानों के प्रदर्शन पर भी बोले

महिला पहलवानों के प्रदर्शन पर कहा शंकराचार्य ने कहा कि, शिकायत हैं तो जांच कराने में क्या समस्या हैं। जिनके खिलाफ हमारी बहनों ने प्रदर्शन किया, देश की बेटियां वहां बैठी हैं, आरोपी संसद भवन में खड़ा होकर सबको तमाशा दिखाता है। हमको दोनों दृश्य साथ में दिखाई देते हैं ये हम स्वीकार नहीं करते। ये कैसा लोकतंत्र हैं।

भगवान के नाम पर हो रही राजनीति पर शंकराचार्य ने कहा, जिस राजा के द्वारा भूखी जनता के दुख को दूर करने का प्रयास किया जाता है वहीं असली राजा है। साधन का मतलब हैं भगवान राम का मंदिर बना दो चढ़ोत्तरी आएगी वो साधन होगा। कुछ लोगों ने अपनी राजसत्ता को प्राप्त करने के लिए भगवान राम को साधन बना लेते हैं।

शराबबंदी को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि, कानून से वो बात नहीं होती, जनता चाहेगी तो सरकार को मदद करनी चाहिए। जितने भी अपराध हो रहे उसमे बहुत बड़ा हाथ शराब का हैं। अगर अपराध को बंद करना है तो शराबबंदी की जाए।

Contact

Snehil Saraf
Head Editor
Topchand.com
Contact : +91 9301236424
Email: topchandnews@gmail.com

ADVT

Press ESC to close

Poonam Pandey ने डीप नेक ब्रालेट पहन धड़काया यूजर्स का दिल लक्षद्वीप में समंदर में उतरे PM मोदी, देखें तस्वीरें भोजपुरी एक्ट्रेस Monalisa का बिकनी अवतार देख सब रह गए दंग Amy Aela ने बिकनी में बीच किनारे बिखेरा हुशन का जलवा, लोग हुए दीवाने 2024 में कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति और क्या है शुभ मुहूर्त