
तोपचंद, रायपुर। आज ही के दिन यानी कि 25 मई 2013 को बस्तर संभाग के झीरम में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं और जवानों के काफिले पर हमला किया था। आज इस घटना को 10 साल पूरे हो गए है। इस घटना की जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। कांग्रेस और भाजपा लगातार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज मीडिया से बात करते हुए भाजपा और एनआईए पर जांच को रोकने का आरोप लगाया है। वहीं एनआईए की जांच पर सवाल भी उठाया है। अब इसपर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने पलटवार किया है।
डॉ रमन बोले- इनको रिपोर्ट से मतलब नहीं
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, झीरम घटना की 10वीं बरसी पर मैं सभी शहीदों को श्रद्धा पूर्वक याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. जहां तक जांच का सवाल है, उस दौर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने एनआईए का गठन किया. एनआईए सर्वोच्च संस्था है जो ऐसे जांच के लिए उपयुक्त होता है और मनमोहन सिंह जी ने सही किया. उन्होंने जांच रिपोर्ट भी पेश किया, 2014 में चार्जशीट भी दाखिल की. आगे की कार्रवाई होना था और भूपेश बघेल को संतोष नहीं हुआ.
अब उस जांच को आगे बढ़ाने के लिए हमने प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई. इसका रिपोर्ट गवर्नर के पास प्रस्तुत किया. मगर भूपेश बघेल ने जस्टिस सतीश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में 2 सदयीय समिति का फिर से गठन किया. मुझे लगता है कि जब NIA ने रिपोर्ट पेश कर दिया तो उसमें आगे काम करते, मगर इनको रिपोर्ट से मतलब नहीं है, करवाई से मतलब नहीं है. इसमें सिर्फ राजनीति करने से उनको मतलब है।