रायपुर, तोपचंद : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार किसानों को अपनी योजनाओं से कई तरह के लाभ दे रही है. ऐसे में पिछले कुछ सालों में राजीव गाँधी किसान न्याय योजना से कई प्रदेश के किसानों को फायदा हुआ है. ऐसे में अब कांग्रेस विधायक अरूण वोरा ने एक सवाल उठाया है
. उनका कहना है कि दुग्ध महासंघ में पंजीकृत किसानों के मुकाबले दूध बेचने वाले किसानों की संख्या आधे से काफी कम है. किसानों से 33 रुपए प्रति लीटर में दूध खरीदकर दुग्ध महासंघ 55 रुपए प्रति लीटर में बेच रहा है. सहकारी समितियों के द्वारा किसानों से प्रति लीटर किस दर से दूध की खरीदी की जा रही है. महासंघ द्वारा किस दर से दूध की बिक्री की जा रही है.
क्या कहते है आंकड़े ?
सरकारी स्रोतों की माने तो भारत में दूध का उत्पादन में
- पिछले 6 वर्षों के दौरान सालाना औसतन 6.3 प्रतशित की दर से बढ़ा है.
- प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 में प्रति व्यक्ति 307 ग्राम से बढ़कर वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 406 ग्राम हो गई है.
- राज्य बनने के समय छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 105 ग्राम थी, जो अब 171 ग्राम प्रतिदिन हो गई है.
- अगर इन आंकड़ों की मने तो राष्ट्रीय औसत से छत्तीसगढ़ काफी पीछे है.
मंत्री चौबे ने जवाब में क्या कहा ?
कृषि मंत्री चौबे ने बताया कि राज्य के 37356 किसान दुग्ध सहकारी समिति के सदस्य के रूप में पंजीकृत हैं. इनमें से 13308 किसान दुग्ध समितियों के माध्यम से महासंघ को दूध बेच रहे हैं.
आगे सवालों के जवाब देते हुए मंत्री चौबे ने बताया कि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों से वर्तमान में दूध की गुणवत्ता 4.0 प्रतिशत घृतांश व 8.5 प्रतिशत अघृत ठोस युक्त दूध 33 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदी की जा रही है.
कितने का बिक रहा दूध ?
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