रायपुर। छत्तीसगढ़ के लालगढ़ में नक्सली घटनाओं में किस तरह से फॉरेंसिक साईंस से जांच की जाए इसे लेकर पुलिस मुख्यालय में मंगलवार को कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला को संबोधित करते प्रदेश के डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को फॉरेंसिक साईंस का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। किसी भी जांच को फॉरेंसिक साईंस की सहायता से जल्दी सुलझाया जा सकता है। इसके साथ ही वैज्ञानिक तरीके तथ्यों को जुटाने से अपराधियों तक शीघ्र पहुंचा जा सकता है। उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि नक्सल प्रकरणों की जांच में भी फॉरेंसिक साईंस का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें।
इस कार्यशाला में अथिति के रूप में आये एवं गुजरात एंटीकरप्शन ब्यूरो के डायरेक्टर केशव कुमार ने फॉरेंसिक साईंस की बारिकीयों से अवगत कराया। कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक और निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों को नक्सल प्रकरणों की जांच में फॉरेंसिक साईंस के महत्व को बताया गया।
इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर, सुकमा, कोण्डागांव, धमतरी, गरियाबंद, राजनांदगांव, कवर्धा, जशपुर, और बलरामपुर जिले के पुलिस अधिकारी शामिल हुए।