रायपुर। प्रदेश में फरवरी के पहले सप्ताह में पुलिस परिवार ने महासम्मेलन की घोषणा की है। इस महासम्मेलन की घोषणा के बाद पुलिस विभाग को अब एक बार फिर आंदोलन का डर सता रहा है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट करते हुआ पत्र लिखा है।
सूत्रों के मुताबिक इंटेलिजेंस विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि पुलिस परिवार के महासम्मेलन में पुलिस परिवार अपनी मांगों को बजट में शामिल करने के लिए आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इस तरह के आंदोलन से प्रदेश की कानून व्यवस्था में बाधा आने के संबन्ध में सभी जिलों के एसपी को अलर्ट किया गया है।
बता दें की जून-जुलाई 2018 में राज्य के पुलिस परिवारों ने आंदोलन की तैयारी की थी। जिला स्तर में आंदोलन खड़ा हुआ था। इतना ही नहीं राज्य स्तर के आंदोलन के लिए रायपुर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के परिवार जन इकट्ठा हुए थे। इसके बाद से पुलिस मुख्यालय की ओर से एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी के पुलिस परिवार की मांग पर निर्णय लेना था।
यह थी मांग
- राज्य के सभी तृतीय वर्ग के पुलिस कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते केंद्र सरकार के तृतीय वर्ग कर्मचारियों की तरह दिए जाएं।
- राज्य के सभी तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के आवास की समुचित व्यवस्था उपलब्ध बल के अनुरूप की जाए।
- शासकीय कार्य हेतु वर्तमान में सायकल भत्ता दिया जा रहा है, उसे पेट्रोल भत्ता करते हुए कम से कम 3000 रुपये दिया जाए।
- पुलिस किट व्यवस्था को मध्यप्रदेश की तरह बंद कर किट भत्ता दिया जाए।
- ड्यूटी के दौरान मरने वाले कर्मचारी को शहीद का दर्जा देते हुए मध्यप्रदेश की तरह 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि व परिवार के 1 सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
- अवकाश की पात्रता को अन्य विभागों की तरह अनिवार्य किया जाए और सप्ताह में एक दिन छुट्टी निश्चित की जाए ।
- अन्य विभागों की तरह राज्य के तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के परिवार के मुफ्त इलाज की व्यवस्था प्रदान की जाए।
- अन्य विभागों की तरह पुलिस के ड्यूटी करने का समय 8 घंटे निश्चित किया जाए और निर्धारित समय से ज्यादा कार्य लेने पर अतिरिक्त भुगतान दिया जाए।
- नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात बल को उच्च मानक के सुरक्षा उपकरण जैसे बुलेट प्रूफ जैकेट व अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाये।
- मध्य प्रदेश पुलिस की तरह वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन दिया जाए, पुलिस जवान को उसके सेवाकाल में कम से कम तीन प्रमोशन अनिवार्य रूप से किए जाएं।
- छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारियों के ग्रेड-पे में अंतर है, पटवारी का ग्रेड पे 2400, नर्सिंग स्टाफ का ग्रेड-पे 2800 और आरक्षकों का ग्रेड-पे 1900 है, पुलिस जवानों का ग्रेड-पे भी 2800 होना चाहिए ।
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