रायपुर। मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में झीरम नरसंहार पर एनआईए (NIA) द्वारा की गई जांच को लेकर सवाल उठाये। मध्य क्षेत्रीय विकास परिषद की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि NIA की जांच में कोई तथ्य सामने नहीं आया है। इसकी जांच राज्य की पुलिस करना चाहती है। इसलिए NIA को झीरम कांड की डायरी राज्य पुलिस को सौंप देनी चाहिए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने रायपुर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की मान्यता देने की मांग की और कहा कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पहले रायपुर से एयर कार्गो शुरू किया जाना चाहिए। इस बैठक में बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए जमीन दिए जाने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एथेनॉल प्लांट की एक साल की मान्यता को बढ़ाकर तीन साल करने की मांग की और एथेनॉल की कीमत निर्धारित किये जाने पर भी जोर दिया।
बता दें कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में NIA एक्ट को चुनौती दी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में 44 फीसदी जंगल हैं इन इलाकों में 40 फीसदी लोग बीपीएल रेखा के नीचे रह रहे हैं। वनांचल में यह संख्या 50 से 60 फीसदी हो जाती है।
“जंगली इलाकों में सिंचाई के साधन कम है। गरीबी भी ज्यादा है, 0 से 4 प्रतिशत सिंचित रकबा है। किसान सम्मान निधि वनाधिकार पट्टा वाले किसानों को 12,000 देने की मांग की गई है, लेकिन इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है,” मुख्यमंत्री ने कहा ।
मुख्यमंत्री ने बताया की झीरम घटना की फाइल वापस करने की मांग की गई इसमें भी संतोषजनक जवाब नहीं आया। सीएम ने बताया कि 8 में से 5 जनजातियों के मात्रात्मक त्रुटि को सुधारने की सहमति मिली है। प्रदेश से पलायन कर चुके 1 लाख लोगों को जाती प्रमाणपत्र देने की मांग भी मीटिंग के दौरान की गई।