बिलासपुर। हाईकोर्ट के जज संजय के अग्रवाल ने जोगी पिता-पुत्र की ओर से दायर किये गए याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। जज ने इसके लिए कारण व्यक्तिगत बताया है।
वाक्या कुछ यूँ था कि पिछले दिनों अजीत जोगी के बिलासपुर स्थित आवास मरवाही सदन के रसोईये ने बंगले में ही फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, फिर क्या होना था.. रसोइया के भाई ने अजीत जोगी और पुत्र अमित जोगी पर आरोप लगाया कि दोनों ने उसके भाई को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया है.. सड़क में भाई के शव को रखकर प्रदर्शन किया और कार्रवाई की मांग की।
इसके बाद बिलासपुर की सिविल लाइन पुलिस ने परिजनों के आरोप के बाद इस पर अपराध दर्ज कर लिया गया। इधर, पिता-पुत्र कहते रहे इस आत्महत्या से हमारा कोई लेना-देना नहीं !
अंत में इस प्रकरण में राहत पाने के लिए अजीत जोगी और पुत्र अमित जोगी ने हाईकोर्ट का दामन थामा और याचिका लगाई। इस याचिका पर जस्टिस संजय के अग्रवाल ने सुनवाई करने से माना कर दिया है। जस्टिस संजय के अग्रवाल ने इसके लिए व्यक्तिगत कारण बताया है। जज ने चीफ जस्टिस पी. आर. रामचंद्रन मेनन से इसे किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने अपील की है।