रायपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के अंदरूनी गांव में रहने वाली एक बच्ची को एक अजीबो गरीब बीमारी ने घेर लिया है. बच्ची के शरीर में असाधारण ढंग की शारीरिक संरचनाओं वाली त्वचा का विकास हो रहा है, जो देखने में पेड़ की छाल जैसे लगती है.
डॉक्टरों का कहना है बच्ची ‘ट्री मेन सिंड्रोम’ नामक बीमारी से पीड़ित है। कहा जा रहा है पूरे प्रदेश में राजेश्वरी , जिसे यह बीमारी है। इससे पहले बंगलादेश में एक युवक को यह बीमारी हुई थी।
राजेश्वरी संभवतः प्रदेश में इस बीमारी से जूझने वाली इकलौती बच्ची है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर इस बीमारी का इलाज ढूंढने में लगे हुए है। फिलाहल राजेश्वरी को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की पहल पर रायपुर लाया गया है और रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में चर्म रोग के डॉक्टरों के देख रेख में इलाज चल रहा है।
क्या है ट्री मेन सिंड्रोम
“Epidermodysplasia verruciformis” यह जीन से संबंधित एक बीमारी है, जिसमें असाधारण ढंग की शारीरिक संरचनाओं का त्वचा के साथ विकास होने लगता है। जेनेटिक एंड रेयर डिसीज इंफॉर्मेशन सेंटर (GARD) के अनुसार इस बीमारी से पीड़ित सभी लोगों की ठीक-ठीक संख्या बताना मुश्किल है लेकिन अभी तक दुनिया भर में इस बीमारी के 200 से ज्यादा केस दर्ज किए जा चुके हैं। इसी संस्था के अनुसार मरीज को ऐसे में ठीक नहीं किया जा सकता हालांकि सर्जरी एक उपाय जरूर है। अगर इस बीमारी का सही से इलाज नहीं कराया जाता तो इसके कैंसर में बदलने की संभावना भी रहती है।
अभी तक के अनुभवों के आधार पर देखा जाए तो इस बीमारी के इलाज में सर्जरी भी पूरी तरह से कारगर नहीं है। ट्री मेन सिंड्रोम एक तरह का दुर्लभ रोग है। इसके इलाज के लिए बहुत ज्यादा धैर्य और लगातार उपचार की जरूरत होती हे। जबकि लोग अकसर अधीर होकर इलाज बीच में ही छोड़ देने की गलती कर बैठते हैं। इसके लिए कई बार आर्थिक हालात भी जिम्मेदार होते हैं। इस बीमारी में देखा गया है कि इलाज छोड़ने के बाद न सिर्फ फिर से पेड़ की छाल जैसी ये संरचनाएं बढ़ने लगती है बल्कि उगी संरचनाएं और भी मोटी होती है और वे पैरों तक कई जगहों पर शरीर में उग आती।