सूरजपुर। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के डबल ओपीडी फार्मूले के डॉक्टरों द्वारा खुले विरोध के बाद विभाग ने सूरजपुर जिले में पदस्थ एक डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है। वहीं 2 डॉक्टरों को मेडिकल कालेज अटैच कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने 13 डॉक्टरों की लिस्ट कार्रवाई की अनुसंशा के साथ राज्य सरकार के पास भेजी है।
सरगुजा से बस्तर तक लागू डबल पाली में ओपीडी की इस नई व्यवस्था का डॉक्टरों ने तगड़ा विरोध किया है, इससे मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को हड़ताल में शामिल डॉ. रोहित पटेल को बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा डॉ. संदीप जायसवाल और डॉ. विनय गुप्ता को मेडिकल कालेज अटैच किया है। जबकि डॉ सीमा गुप्ता, डॉ रजनीश गौतम, डॉ दीपक ठाकुर, डॉ अविनाश सिंह, डॉ गौरव सिंह, डॉ मालती नाग, डॉ नवीन तिवारी, डॉ साधना सिंह, डॉ नंदनी सिंह, डॉ आनंद मोहन त्रिपाठी, डॉ अरविन्द सिंह, डॉ महामाया प्रताप सिंह और डॉ दुर्गेश बंजारे के नाम की अनुसंशा कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को भेजी है।
छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन (CIDA) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह सूचना दी है कि वे अपनी मांग पूरी नहीं होने तक ओपीड़ी का पूर्ण बहिष्कार करेगी।
ये है डॉक्टरों की मांग
CIDA ने राज्य सरकार से मांग की है कि डबल शिफ़्ट में ओपीडी का निरस्तीकरण, अधिकतम ड्यूटी सीमा निर्धारण, अवकाश की पात्रता, 24×7 सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता और मरीज़ों की संख्या के अनुसार स्टाफ़ की नियुक्ति हो।
इसके अलावा सीडा ने यह भी मांग की है कि सभी चिकित्सा अधिकारियों को अव्यावसायिक भत्ता और इसे बढ़ाकर बेसिक को 50% किया जाए। सभी तदर्थ रूप से चिकित्सकों की सेवा अवधि और वित्तीय लाभ की गणना प्रथम नियुक्ति से की जाए।
इन सभी झंझटों के बीच एक बात गौर करने लायक यह है कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने नई ‘ट्रस्ट’ व्यवस्था लागू की है जिसके तहत लगभग 180 किस्म की बिमारियों का इलाज अब सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही होगा, आप इन बिमारियों के इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल नहीं जा सकते। गंभीर बात यह है की सरकारी अस्पताल में जब डॉक्टर ही उपलब्ध नहीं होंगे तो इस स्थिति में मरीज क्या करेंगे इसका जवाब फ़िलहाल सरकार के पास नहीं है।