सुकमा। नक्सल मोर्चे में तैनान जवान लगातार आत्महत्या कर रहे है, राज्य सरकार भी इस विषय में चिंतित है कि जवान आखिरकार ये कदम क्यों? उठा रहे है। बीती रात फिर सुकमा जिला में पदस्थ एक सहायक आरक्षक ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। लेकिन,साथी जवानों की मदद से जवान को अस्पताल ले जाया गया और उसे बचा लिया गया। फिलहाल जवान खतरे से बाहर है।
पुलिस और अस्पताल सूत्रों के मुताबिक चिंतागुफा में पदस्थ सहायक आरक्षक चिचोड़ हिड़मा ने शनिवार रात जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की । इसके बाद चिचोड़ हिड़मा को गंभीर हालत में दोरनापाल अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सुकमा जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। घायल जवान चिचोड़ को देर रात लगभग 3 बजे संजीवनी-108 एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार जारी है। उनकी हालत इस समय खतरे से बाहर है। मामले में फिलहाल इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि सहायक आरक्षक चिचोड़ हिड़मा ने खुदकुशी की कोशिश क्यों की ?हालांकि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच-पड़ताल कर रही है। अभी जवान से पूछताछ नहीं हो पायी है, जिससे पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पा रही है।
कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर चिंता जताई थी और कहा था कि जवानों ने आत्महत्या क्यों की है, इसके कारण का पता लगाया जा रहा हैं। इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाये जायेंगे।बीते कुछ दिनों में एक के बाद एक जवानों ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी की है, इसमें कांग्रेस से दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा की सुरक्षा में तैनात जवान शामिल है, जबकि एक अन्य जवान ने कुछ दिन पहले गीदम बस स्टैंड में बस के अंदर खुद को गोली मारकर जान दे दी थी।