रायपुर। प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश सरकार को आज एक साल पुरे हुए । इस मौके पर प्रदेश के कार्यालय राजीव भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में चार चांद लगाने सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई मंत्रियों ने भी शिरकत किया..इसमें कुछ वरिष्ठ विधायक भी थे जिनका नाम सम्बोद्धन की सूची में नहीं था । लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश के बाद ऐसे दो विधयाकों के नामों की घोषणा की गई।
परम्परागत मुख्यमंत्री का उद्बोधन सबसे आखिरी था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले तो अपने सम्बोद्धन में अपनी सरकार की उपलब्धियों की बखान करते नजर आये लेकिन, फिर कार्यक्रम राजनीतिक हो गया। सीएम भूपेश कैब और एनआरसी बिल को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मंच से खूब धोया। उन्होंने सवाल किया कि अगर एनआरसी बिल लागु होने के बाद कोई अपने भारतीय होने का प्रमाण दे सका तो उसे प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कहां भेजेंगे।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की सरकार हमारे सामने चुनौती के रूप में खड़ी है क्योंकि इनकी योजना में लोगों को भड़काने का काम ही है। हमारे लिए और देश के लिए चुनौती है। आज देश जल रहा है कई प्रदेशों में हिंसा हो रही हैं। लोगों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है, देश में भय का वातावरण निर्मित किया जा रहा है। भाजपा सरकार का उद्देश्य समाज का ध्रुवीकरण करना और सत्ता पर बने रहना है। और इसीलिए वह बांटने के पर काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार में लोगो की जेब काटने का काम किया है। जीएसटी औऱ नोटबन्दी के कारण लोगो की खुराक तक पर असर पड़ा है। अमित शाह कहते है कि देश ने एनआरसी लागू करेंगे। आज इस मंच के माध्यम से कहना चाहता हूँ कि NRC लागू किया तो मैं पहला आदमी होऊंगा जो दस्तखत नही करूँगा।
हम भारतीय है उसे प्रमाणित करने की जरूरत नही है। हम गांधी की के रास्ते पर चलने वाले लोग है। हिंदुओ के अगर बड़े नेता हैं, तो मोदी सरकार बताये कि हिन्दू समाज के लिए कोई बड़ा काम किया हो, केवल हिन्दू के नाम से वोट मांगते है। सवाल यह है कि अगर NRC में यह सिद्ध हुआ कि भारत के नागरिक नही हैं तो मोदी जी बताये उन्हें कहाँ भेजेंगे। बंगलादेश अगर सूची मांग रहा है तो भारत सरकार सूची क्यों नही दे रही हैं।