रायपुर। नागरिकता संशोधन बिल पर देश भर के नेता अपनी अपनी बात रख रहे हैं। बिल को लेकर समर्थन है तो विरोध भी हो रहा है। सबको अपनी बात बोलनी है लिहाजा छत्तीसगढ़ के डॉक्टर साहब भी सामने आए। प्रेस कान्फ्रेंस के माध्यम से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह रविवार को नागरिकता संशोधन बिल पर पार्टी का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि यह बिल तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों यानी मुस्लिम छोड़कर बाकि लोगों को नागरिकता देने का बिल हैं, यह किसी की नागरिकता छिनने का बिल नहीं है।
कांग्रेस इसका विरोध कर देश में आग लगाना चाह रही है, रमन सिंह ने कहा कि कुछ लोग इस पर राजनीति करते हुए देश को आगजनी का शिकार बना रहे हैं। 1947 से लेकर आज तक जो पीड़ा और तकलीफ थी उसका निराकरण आज इस बिल से हुआ है, इसे लोग याद रखेंगे। हमारी सोच शरणागत को सम्मान देने की रही हैं, और इसपर तर्क के साथ इस बिल को लाया गया जिससे नया इतिहास बनेगा। जो जीने का नया जरिया भी बनेगा। पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के साथ बलात्कार और घर को आग लगाने से लेकर मंदिरो तक को तबाह किया गया। आजादी के बाद जब शरणार्थियों का प्रतिशत 19 और 20 प्रतिशत था उसके बाद आज 2 और 3% ही बची है तो यह लोग आखिर कहां गये? हमने जो घोषणा पत्र में वाद किया था उसका ही क्रियान्वयन कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि आजादी के 70 साल में इनकी सुध लेने वाला कौन था। अल्पसंख्यक की सुरक्षा सम्पत्ति धर्मस्थल का जिम्मा सरकार ने उठाया था हमने नेहरू जी और पाकिस्तान के बिच हुये समझौते का पालन किया। घुसपैठिये और शरणार्थी दोनों ही अलग है।
उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि संघीय ढांचे को हम कितना नुकसान कर सकते है। नागरिकता का प्रश्न राज्य सरकार का नही होता ये सीएम बघेल को नही मालूम हैं। जो कानून बने है जो संशोधन हुआ है उससे राहत मिलेगी । ये केवल नागरिगता देने के लिए बिल बना है नागरिकता छिनने का बिल नही है। राजनीतिक कारणों से इस बिल को लेकर भ्रम फैलया जा रहा है।