त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर्यावरण संरक्षण और गांव को केंद्र में रख कर प्रदेश की विकास करने का प्रयास कर रहे हैं। राज्य सरकार विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दे रही हैं। बायो-डायवर्सिटी रजिस्टर माध्यम से प्रदेश में विलुप्त हो रहे पेड़ पौधों और जीव जंतुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार इनकी सूची तैयार करने में जुटी है। इस रजिस्टर में गांव में पाए जाने वाले सभी तरह के दुर्लभ पेड़-पौधे व जीव जंतुओं का रिकॉर्ड होगा। जिनके संरक्षण और विकास के लिए जरुरी योजनाएं बनाई जा रही है।
राज्य सरकार इसके माध्यम से प्रदेश में 11 हजार 319 समितियां तैयार करेगी जो गांव के प्राकृतिक संसाधनों की देखरेख और सुरक्षा का काम करेगी। इस योजना के माध्यम से सरकार ग्राम पंचायत को आर्थिक रूप से मज़बूत करने बेनिफिट एंड शेयरिंग मैनेजमेंट प्लान भी तैयार कर रही हैं। पेड़-पौधे से होने वाले लाभ में ग्राम पंचायत का भी हिस्सा होगा। गांव में पाए जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों पर यदि कोई व्यापारी या कंपनी अपना निवेश करती है तो उसको सालाना आय या नेट प्रॉफिट का 2% बायो डायवर्सिटी मैनेजमेंट को देना होगा। ग्राम पंचायत को प्राप्त होने वाले इस लाभ का उपयोग गांव के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में किया जायेगा।
मुख्य सचिव आरपी मंडल ने एनजीटी को आश्वस्त किया है कि बहुत ही जल्द इस योजना पर कार्य शुरू किया जायेगा और समितियों का गठन किया जायेगा । अब तक केवल 1800 समितियों का गठन किया गया है। राज्य में 7500 समितियां अभी और बनाई गयी है, जिसे 31 जनवरी तक 11 हजार 319 समितियों का टारगेट पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। बड़ी बात यह है कि ऐसा नहीं होने पर राज्य को हर महीने 10 लाख रुपये का जुर्माना एनजीटी को देना प