विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जिम संचालक संदीप सिंह ठाकुर की मौत का मामला सदन में गूंजा। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ध्यानाकर्षण में प्रस्ताव लगाकर सवाल किया कि प्रतिबंधित दवाओं स्टेरॉयड इंजेक्शन की बिक्री हो रही है।
इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की अनुपस्थिति में संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने जवाब देते हुए कहा संदीप सिंह ठाकुर रामकृष्ण अस्पताल में बेहोशी की हालत में पहुंचा। अन्य अस्पतालों में उन्हें पहले से औषधि दी गई थी 25 नवम्बर को उनकी हालत बिगड़ी। उनकी मौत हो गई। मुम्बई के नीलेश परमार और सुमित राय चौधरी से सलाह लेकर शक्तिवर्धक टेबलेट का सेवन करने लगा था। दवाओं के निरीक्षण के लिए लगातार दवा दुकानों की जांच की जा रही है। 9850 दवा दुकानों का निरीक्षण किया गया है। 241 अनुज्ञप्ति को निरस्त किया गया है, शासन ने प्रदेश में जिम का नियम नहीं बना है। जिन जिम सेंटर द्वारा प्रोटीन विक्रय किया जाता है, उन्हें खाद्य विभाग में पंजीयन कराना पड़ता है। खाद्य पदार्थों के 2 नमूने लिए गए है और मुम्बई से दवा देने वाले दोनो युवकों के खिलाफ खाद्य की धारा 360 334 के तहत अपराध दर्ज किया जा चुका है।
आगे उन्होंने मंत्री का जवाब पीएम रिपोर्ट आने के बाद इसके बारे में विस्तार से बताया जा सकेगा, फिर इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने निर्देश दिया कि सरकार जिम सेंटरों और फिटनेस सप्लीमेंट्स के सम्बंध में कोई नियम बनाए।
बता दें कि संदीप को बॉडी बिल्डिंग का शौक़ था और इस फेर में उसने प्रतिबंधित स्टेराईड ले लिया जिसके बाद उसे अस्पताल दाखिल कराया गया जहां दो हफ़्तों के बाद उसकी मौत हो गई।
हीरापुर निवासी संदीप सिंह ठाकुर का उपचार स्थानीय रामकृष्ण अस्पताल में चल रहा था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार उसने जल्द बॉडी बनाने के फेर में प्रतिबंधित स्टेराईड ज़्यादा मात्रा में ले लिया जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई और फिर मामला सीधे उसकी मौत पर ही ख़त्म हुआ।
पुलिस ने इस मामले में पहले धारा 308 और 326 के तहत अपराध दर्ज किया था, अब संदीप की मौत के बाद 308 की जगह 304 लगाया जाएगा।इस मामले में पुलिस ने सुमित रॉय चौधरी को गिरफ़्तार किया है जबकि मुंबई निवासी निलेश परमार अब तक पुलिस की गिरफ़्त से बाहर है।