छत्तीसगढ़ राज्य को इंडिया टुडे के समावेशी विकास विषय के सर्वे रैंकिंग में 20 बड़े राज्यों में पहला स्थान दिया गया है। इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है,जहां सभी सरकारी योजनाओं का लाभ सामान रूप से जनता तक पहुंचाया जाता है। इस खबर पर सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर प्रदेश की जनता को बधाई दी है।
सर्वे का आधार समावेशी विकास का मतलब सभी वर्गों का समान विकास, सभी का समान कल्याण व कोई भी सरकारी योजनाओं का प्रदेश की जनता के सभी वर्गों में एक समान लाभ पहुंचाना है।
छत्तीसगढ़ की योजनाएं या नीतिगत पहल हो सभी समान कल्याण के आधार पर ही संचालित की जा रही है। छत्तीसगढ़ ने समावेशी विकास में सर्वाधिक सुधार वाले 20 बड़े राज्यों की सूची में किसानों की कर्जमाफी, जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) के प्रावधानों में संशोधन कर इसका उपयोग प्रभावितों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने वाले कार्यों में करने और सार्वभौम पीडीएस के जरिए सभी लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसे व्यापक तथा प्रभावी कदमों से प्रदेश ने यह उपलब्धि हासिल की है।
सर्वे के मुताबिक राज्य सरकार जाति या आर्थिक आधार पर लाभार्थियों के बीच किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करती है। छत्तीसगढ़ राज्य का गठन सन 2000 में हुआ यहां की कुल आबादी के लगभग 69 प्रतिशत लोगो को स्वास्थ्य सुरक्षा दी जाती है।
इसके अलावा राज्य कृषि ऋणों को माफ करने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार भी लगातार करता आया है। जहां पीडीएस में पहले केवल बीपीएल को पात्र रखा गया था वहां अब एपीएल परिवारों को भी लाभ का पात्र बनाया गया है । कृषि ऋण माफी में भी राज्य की ओर से सभी ऋण लेने वाले किसानों का कर्ज माफ किया गया था। इन सब आधारों को रखते हुए इंडिया टुडे ने छत्तीसगढ़ राज्य को समावेशी विकास में प्रथम स्थान दिया है।