लोरमी से जनता कांग्रेस विधायक धरमजीत सिंह की राज्य सरकार के खिलाफ लगाई गई याचिका पर हाईकोर्ट ने भूपेश सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार इस मसले पर एक हफ्ते के भीतर जवाब दें और उसके बाद कोर्ट 28 नवंबर की इस याचिका पर दूसरी सुनवाई करेगी। सोमवार को धरमजीत सिंह और रायपुर बीरगाँव के एवज देवांगन की याचिका पर सुनवाई हुई। धरमजीत की तरफ से अधिवक्ता रोहित शर्मा और एवज देवांगन की तरफ से अधिवक्ता प्रतिक शर्मा ने पैरवी की।
राज्य सरकार
द्वारा महापौर के चुनाव को अप्रत्यक्ष कराए जाने के लिए जारी अधिसूचना को हाईकोर्ट
में चुनौती देने वाली एक और याचिका प्रस्तुत हुई है। इसमें चुनाव के साथ साथ
वर्तमान में काम कर रहे महापौर को भी चुनौती दी गयी है। अधिसूचना में वर्तमान
महापौर के कार्यकाल को लेकर कोई भी विधिक प्रावधान नहीं होने से वैधानिक स्तिथि
उत्पन्न हो गई है।
लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने अधिवक्ता रोहित शर्मा
के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका प्रस्तुत किया है। इसमें तर्क दिया गया है
कि राज्य शासन ने अक्टूबर में जो महापौर के चुनाव को अप्रत्यक्ष रूप से कराए जाने
की अधिसूचना जारी किया है वह वैधानिक स्थिति निर्मित कर रही है।
धर्मजीत सिंह वर्तमान मे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के
विधायक दल के नेता है । उक्त याचिका मे उन्होने साथ ही इस अधिसूचना में वर्तमान
महापौर को लेकर कोई भी विधिक प्रावधान नहीं होने से उनका वर्तमान में चल रहा
कार्यकाल भी वैधानिक नहीं रह गया है इसको लेकर भी वैधानिक स्तिथी को चुनौती दी गई
है।
महापौर चुनाव को अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने के खिलाफ इस याचिका को जन हित में बताया गया है। महापौर के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं होने से सैकड़ों निर्दलीय उम्मीदवारों की उम्मीद ख़त्म हो गयी है।