छत्तीसगढ़ के क्रोकोडाइल पार्क में सविधाओं का टोटा है। पांच साल पहले चालू हुआ कैंटीन कुछ समय बाद बंद हो गया और अब वहां आने वाले पर्यटकों को खाने पीने की चीजों के लिए असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
हम बात कर रहे हैं जंजगीर-चांपा जिले में स्थित कोटमी सोनार के क्रोकोडायल पार्क की। कहने को तो यह एशिया का सबसे बड़ा क्रोकोडायल पार्क है, शुरुवात में यहां मूलभूत सुविधा के नाम पर बहुत सारी बाते की गई थी पर वक्त बीतते गया और वादे हवे में उड़ते गए। लिहाजा पर्यटकों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आने लगी है।
जब इस क्रोकोडाइल पार्क की शुरुआत की गई थी तो एक से बढ़ कर एक सुनहरे वादे किये गए थे। कहा गया था कि 4डी थियेटर बनाया जाएगा, लेकिन बना नहीं! साइंस पार्क सालों से बंद पड़ा है, चिड़िया घर से चिड़िया गायब हैं..मतलब ये भी बंद हो चुका है। वैसे तो सुविधाओं के टोटे के देखते हुए यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या कम हुई है, लेकिन जो आते हैं वह कैंटीन की सुविधा न होने की वजह से परेशानी का सामना करते हैं। आवागमन का भी रास्ता बदतर हैं इसके चलते पर्यटकों को काफी दिक्कत उठानी पड़ती है।
गौरतलब है कि इस कैंटीन को संचालित करने के लिए कई स्व सहायता समूह के द्वारा आवेदन जमा किया गया था। मगर वन विभाग इस मामले में किसी तरह के पहल के मूड में नजर नहीं आ रहा है। वहीं पार्क की हालत भी अब पहले जैसे नहीं रही। पार्क में स्थापित तमाम सुविधाएं लुप्त होती जा रही हैं। पर्यटकों के लिए बनाए गए झूले टूट रहे हैं। साइंस पार्क बंद पड़ा है, टर्टल पार्क भी बंद हो चुका है। इन अव्यवस्था को देखते हुए इससे वन विभाग की एक बड़ी लापरवाही कही जा सकती है।
जितेंद्र कुमार उपाध्याय डीएफओ से जब तोपचंद ने बात की तो उन्होंने कहा क्रोकोडाइल पार्क कैंटीन को विभाग खुद संचालित करेगा जिसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। वहीं अन्य अव्यवस्थाओं के लिए भी प्रभावी कदम उठाने विभाग पहल शुरू जल्दी करेगा।